उत्तर बिहार के मिथिलांचल के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कुशेश्वरस्थान जो मिथिला का देवघर के नाम से महशुर है। जहां श्रावणी मेला का आगाज 22 जुलाई से हो गया है।
इधर श्रावणी मेला को लेकर अन्य वर्षो की भांति इस वर्ष भी मंदिर में प्रवेश करने के लिए गजेंद्र नारायण सिंह धर्मशाला में बेरिकेडिंग का निर्माण
वही कुशेश्वर नाथ महादेव को प्रत्येक सोमवारी को लगभग एक लाख एवं अन्य दिनों में 20-25 हजार तक श्रद्धालु यहाँ पूजा अर्चना करने के लिए आते है।
इस साल पांच सोमवारी को श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे। श्रावणी मेला के महत्व एवं इस अवसर पर शिवलिंग के संबंध में पंडित आचार्य राज नारायण झा ने कहा कि सावन माह में महादेव का अभिषेक एवं रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि सावन में शिव लिंग पर रुद्राभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिवलिंग पर दूध, दही, घृत, मधु, शक्कर, और पंचामृत से स्नान करने से विशेष वस्तु की प्राप्ति होती है। इधर एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी ने शिव मंदिर पहुंच कर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किए गए तैयारी का जायजा लिया। उन्होंने ने मंदिर में प्रवेश के लिए गजेन्द्र नारायण सिंह धर्मशाला में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए घुमावदार बेरिकेडिंग, चंद्रकूप से जल लेने की तैयारी, गर्भगृह में महादेव को जलाभिषेक तथा परिसर में अवस्थित अन्य देवी देवताओं का दर्शन पूजन के लिए किए गए तैयारी की जानकारी न्यास समिति के सदस्यों से लिए और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कई आवश्यक निर्देश दिए। डीएसपी श्री चौधरी ने शिव गंगा घाट में श्रद्धालुओं के स्नान करने के दौरान विशेष चौकसी बरतने तथा गोताखोरों को तैनात करने का निर्देश दिया। इधर एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला को लेकर श्रद्धालुओं और कांवरियों को जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना करने में कोई परेशानी न हो इसके लिए मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए गजेन्द्र नारायण सिंह धर्मशाला में घुमावदार बेरिकेडिंग बनाया गया है। जिसमें पंक्तिबद्ध होकर श्रद्धालु और कांवरिया बारी बारी से मंदिर परिसर में प्रवेश कर भोलेनाथ सहित अन्य देवी देवताओं को दर्शन पूजन कर परिसर के पश्चिमी द्वार से बाहर निकलने की व्यवस्था किया गया है। नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी को नियमित रूप से मंदिर एवं इसके आसपास के सड़कों का साफ सफाई करने की जिम्मेदारी दी गई है। बिजली विभाग से भी बिजली का नियमित आपूर्ति करने को कहा गया है। बिजली जाने पर जेनरेटर की सेवा लिए जाएंगे। यहां फूल माला क व्यवसाय निकटवर्ती गांव नारायणपुर, मधुबन तथा मसानखोन के माली जाति के लोग ही वर्षों से करते आ रहे हैं। बाहर से फूल माला बेचने के लिए लोग नहीं आते हैं। बेलपत्र तो आसपास के गांवों से उपलब्ध हो जाता है। लेकिन फूल माला रोसड़ा और सिल्लीगुड़ी से मंगाया जाता है। प्रसाद के लिए नियमित रूप से चल रहे मिठाई की दुकान के साथ-साथ फुटपाथ पर ठेला लगाने वाले से खरीदारी की जाती है। कांवरियों के सुविधा के लिए यहां कोई विशेष व्यवस्था करने का परम्परा नहीं है। अन्य श्रद्धालुओं की तरह कांवरिया अपनी सुविधानुसार नियम निष्ठा के साथ रहकर दर्शन पूजन करते हैं। कांवरिया और श्रद्धालुओं के लिए सीएचसी कुशेश्वरस्थान को 24 घंटे मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही मंदिर के मुख्य द्वार, शिव गंगा घाट तथा असमा के निकट विशेष स्वास्थ्य शिविर स्थापित करने की व्यवस्था किया गया है। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 200 से अधिक पुलिस बल तैनात किया जाएगा। जिसमें महिला एवं पुरूष बल शामिल हैं। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे के अलावा नगर पंचायत के बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी किया जाएगा। डीएसपी के साथ न्यास समिति के उपाध्यक्ष बाबू कांत झा, सचिव विमल चन्द्र खां, थाना अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, समिति के सदस्य कृष्ण कांत हजारी सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।