नजरिया न्यूज़ / गोविन्द कुमार
कुशेश्वरस्थानः
नव वर्ष की पहली तारीख से पड़ रही कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विगत एक सप्ताह से मौसम के बदलते मिजाज से लोगों का दिनचर्या बदल गया है। प्रखंड क्षेत्र में पछुआ हवा के साथ आसमान में बादल के छाये रहने से जहां ठंड की ठिठुरन बढ़ गई है। वहीं आसमान में कोहरे की चादर पसरे रहने से गेहूं की फसल के लिए यह संजीवनी का काम कर रही है। •किसानों के मुरझाए चेहरे पर रौनक लौट आए हैं।
मालूम हो 31 दिसंबर तक प्रखंड क्षेत्र में 27-29 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था। लेकिन अचानक एक जनवरी की सुबह कड़ाके की ठंड के झोंके से लोग सिहर उठे। पिछले एक सप्ताह से तापमान में काफी कमी आ गई है। सर्द पछुआ हवाएं शरीर को वेध रहा है। जिससे लोग अपने अपने घरों में दुबके रहना ही मुनासिब समझ रहे हैं। लोगों के घरों से बाहर नहीं निकलने की वजह से मुख्य सड़क सहित ग्रामीण सड़कें सुनसान पड़ी रहती है। सड़कों पर वाहन भी काफी कम चल रहे हैं।
कुशेश्वरस्थान बाजार सहित अन्य चौक चौराहों पर भी लोग नहीं पहुंचे।
ठंड की वजह से लोगों से गुलजार रहने वाले प्रखंड कार्यालय परिसर में विरानगी छायी हुई रहती है। ठंड का असर आम लोगों के साथ साथ पशु पक्षियों पर पड़ रहा है। परन्तु बच्चों और वृद्ध लोगों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। किसान और दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करने वालों के लिए यह ठंड आफत बनकर आया है। दुधारू पशुओं का दुध काफी कम हो गया है। बीती सोमवार को छोड़कर कर सप्ताह भर से सूर्य देव का दर्शन दुर्लभ हो गया है। हालांकि तापमान में आई गिरावट से गेहूं की फसल को भरपूर फायदा होगा ठंड और कोहरे की वजह से गेहूं के पौधे की बढ़वार और कल्ला निकलने की गति में तेजी आएगी दलहन सहित अन्य फसलों को भी ठंड से फायदा होगा। लेकिन तेलहन और आलू के फसल पर ठंड कुप्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए किसानों को सचेत रहने की आवश्यकता है। क्योंकि ठंड और कोहरे से आलू में झुलसा रोग लग सकता है। ठंड की दस्तक देते ही पूर्वी अंचल प्रशासन ने कुशेश्वरस्थान बाजार में आधे दर्जन स्थानों पर अलाव जलनें की व्यवस्था किया है। शिव गंगा पोखर, दुर्गा मंदिर परिसर,बस स्टैंड, अस्पताल सहित कई अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर अलाव जलाने का इंतजाम किया गया है। जिससे लोगों को काफी राहत मिल रहा है।