= निवेशकों को मिलेगी लंबे अवधि के लिए सुरक्षा- तरलता और आकर्षक प्रतिलाभ
प्रतिभा सिंह, नजरिया न्यूज संवाददाता, नई दिल्ली। सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी प्रेस ब्यूरो इनफार्मेशन आफ इंडिया ने 29जनवरी को बयान जारी करके दी। इस संबंध में बातचीत करने पर इसरावती देवी पीजी कॉलेज कंम्मरपुर हरीपुर के प्रबंधक बीरेंद्र मिश्र ने बताया: सरकारी प्रतिभूतियों में
निवेशकों को लंबे अवधि के लिए सुरक्षा- तरलता और आकर्षक प्रतिलाभ मिलता है।
जानकारी के मुताबिक सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामियों के परिणाम की घोषणा 02 फरवरी, 2024 (शुक्रवार) को की जाएगी और सफल बोलीदाताओं द्वारा भुगतान 05 फरवरी, 2024 (सोमवार) को किया जाएगा।
प्रतिभूतियों का विवरण:
(i) मूल्य आधारित नीलामी, समान मूल्य विधि के माध्यम से 12,000 करोड़ रुपये (अंकित) की अधिसूचित राशि के लिए ” 7.32% सरकारी प्रतिभूति 2030
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(ii) मूल्य आधारित नीलामी, समान मूल्य विधि के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये (अंकित) की अधिसूचित राशि के लिए “7.18% सरकारी प्रतिभूति 2037
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(iii) मूल्य आधारित नीलामी, विविध मूल्य विधि के माध्यम से 12,000 करोड़ रुपये (अंकित) की अधिसूचित राशि के लिए “7.25% सरकारी प्रतिभूति 2063”
(iv) मूल्य आधारित नीलामी, विविध मूल्य विधि के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये (अंकित) की अधिसूचित राशि के लिए “7.37% भा.स. का सॉवरेन हरित बॉण्ड, 2054” की बिक्री करने की घोषणा की है।
प्रतिभूति का अर्थ:
वह धन जो जमानतदार द्वारा किसी की जमानत के रूप में जमा किया जाता है, प्रतिभूति कहलाता है। यह जानकारी इसरावती देवी पीजी कॉलेज कंम्मरपुर हरीपुर के प्रबंधक बीरेंद्र मिश्र ने दी। वे प्रतिभूति का अर्थ स्पष्ट कर रहे थे। उन्होंने बताया :
सरकारी प्रतिभूतियां केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा जारी अनिवार्य रूप से व्यापार योग्य वित्तीय साधन हैं जो कर्ज के लिए सरकार के दायित्व को स्वीकार करते हैं। जब सरकार को ऋण की आवश्यकता होती है तो उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा निवेशकों को नीलाम किया जाता है।
इसरावती देवी पीजी कॉलेज के प्रबंधक श्री मिश्र ने यह भी बताया:
कुछ मामलों में सरकारी प्रतिभूतियां बुनियादी ढांचे परियोजनाओं या नियमित संचालन के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं होने पर कर दरों में वृद्धि किये बिना धन जुटाने के लिए सहायता करती हैं।
ये प्रतिभूतियां भी एक संप्रभु आश्वासन के साथ आती हैं क्योंकि उनका भारत सरकार द्वारा व्यावहारिक रूप से आश्वासित प्रतिफल के साथ समर्थन किया जाता है।
एक सवाल पर उन्होंने बताया:
प्रतिभूतियों का नकारात्मक पक्ष यह है कि जी–सेक्स उनके साथ जुड़े नगण्य जोखिम के कारण अन्य प्रतिभूतियों की तुलना में अपेक्षाकृत कम प्रतिफल देता है। फिर भी अपेक्षाकृत लोकप्रिय हैं।
बताते चलें कि भारत सरकार के पास प्रत्येक प्रतिभूति में 2,000 करोड़ रुपये की सीमा तक, अतिरिक्त अभिदान बनाए रखने का विकल्प होगा। ये नीलामियाँ, भारतीय रिजर्व बैंक, मुंबई कार्यालय, फोर्ट, मुंबई द्वारा 02 फरवरी, 2024, (शुक्रवार) को संचालित की जाएगी।
प्रतिभूतियों की बिक्री की अधिसूचित राशि के 5 प्रतिशत तक की राशि सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी में अप्रतिस्पर्धी बोली सुविधा योजना के अनुसार पात्र व्यक्तियों और संस्थाओं को आवंटित की जाएगी।
नीलामी हेतु प्रतिस्पर्धी और अप्रतिस्पर्धी दोनों बोलियां भारतीय रिजर्व बैंक कोर बैंकिंग सोल्यूशन (ई-कुबेर) प्रणाली पर इलेक्ट्रॉनिक प्रपत्र में 02 फरवरी, 2024 को प्रस्तुत की जानी है। अप्रतिस्पर्धी बोलियां पूर्वाह्न 10:30 बजे से पूर्वाह्न 11:00 बजे के बीच और प्रतिस्पर्धी बोलियां पूर्वाह्न 10:30 बजे से पूर्वाह्न 11:30 बजे के बीच प्रस्तुत की जानी है।