नजरिया न्यूज। भरगामा।
शनिवार को नौ दिवसीय श्रीमद भागवत कथा महायज्ञ के दुसरे दिन कथावाचन सुनने महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड उमड पडी।
भरगामा प्रखंड आदर्श मध्य विद्यालय के परिसर में श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ को लेकर आसपास के क्षेत्र के लोगों में उत्साह का माहौल है। यज्ञ में पडोसी जिला सुपौल , मधेपुरा के सीमावर्ती गांवो से भी श्रद्धालु भक्तो के भाग लेने की संभावना है। फलस्वरूप दूर दराज से आनेवाले संत, महात्माओं और श्रद्धालुओं के ठहरने और कथा सुनने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। स्थानीय आदर्श मध्य विधालय मैदान में शुरू हुए श्री मद भागवत कथा 16 फरवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। यज्ञ को लेकर बड़े व आकर्षक पंडाल बनाए गए है। यज्ञ को सफल बनाने के लिए अलग-अलग कमेटी बनाया गया है।
आयोजन कमेटी के सदस्यों ने बताया कि महायज्ञ में उत्तर प्रदेश के मथुरा वृदांवन के श्रद्धेय श्री सरल संत श्री नारायण दास देवाचार्य जी महाराज और उनके सानिध्य शिष्य के अलावे अन्य साधु संत श्रद्धालुओ भक्तो को श्रीमद्भागवत कथा का रस-पान कराया। इस दौरान भागवत कथा से जुड़े प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए लोगों को भगवान कृष्ण के प्रति लोगों को आसक्त किय। महायज्ञ में श्रीमद्भागवत, राम कथा, शिव कथा, साधना, प्राणायाम और ध्यान मुद्रा आदि पर बिशेष रूप से संतो का प्रवचन और योगा कराया गया। इससे पहले शुक्रवार को 1001 कन्याओं के कलश यात्रा और शोभा यात्रा के साथ यज्ञ की शुरूआत की गई। कथावाचन प्रतिदिन दिन के एक बजे से शाम 5 बजे तक किया जा रहा है। यज्ञ में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए शुद्ध पेय जल, शौचालय , रौशनी , विश्रामालय की व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि की विशेष रुप से व्यवस्था की गई है।
कथा प्रवचन से माहौल भक्तिमय हो गया है। यज्ञ को लेकर युवाओं व श्रद्धालु भक्तों में काफी उत्साह है। इस दौरान भागवत कथा सुनने व इसमें शिरकत करने के लिए श्रद्धालु भक्तों के अलावे काफी संख्याओं में राजनितिज्ञ भी पहुंच रहें हैं। जिसको लेकर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बलों की तैनाती परिसर में की गई है।
कथावाचन के शांति व्यवस्था में अविनाश झा उर्फ फंटूश झा, पैक्स अध्यक्ष सूरज सिंह, शुभम सिंह, आशिष कुमार, नवनीत सिंह,सुमन सिंह, सतीष कुमार ,उगम सिंह, मनोज विश्वास, कैलू विश्वास, राजेश विश्वास, मनोहर साह, प्रणव सिंह, ओम प्रकाश सिंह, अंकित झा, मुरलीधर साह वरिष्ठ कार्यकर्ता, बिनोद विश्वास, नरेंद्र सिंह उर्फ बुटन सिंह, कारी सिंह,सागर राज,
व अन्य ग्रामीण मौजुद थे।
















