- इंडिया एलांयस देश के सामने एक वैकल्पिक एजेंडा रखना होगा: योगेन्द्र यादव और अजीत अंजुम की बातचीत
दुर्केश सिंह, संपादकीय प्रभारी, नजरिया न्यूज।
इंडिया एलांयस देश के समक्ष सरकार का एक वैकल्पिक एजेंडा रख सकता है। एक युवा, जो एग्जाम पर एग्जाम दिए जा रहा हैं। सफलता नहीं मिल रही है। इसके लिए स्वयं को दोषी मान रहा है। ऐसे युवाओं के लिए आशा का संदेश लेकर इंडिया गठबंधन कौ लोकसभा चुनाव 2024मे जाना होगा।यह बात सामाजिक कार्यकर्ता और ख्यातिलब्ध पोलिटिकल एनालिस्ट योगेन्द्र यादव ने कही। वे पत्रकार अजीत अंजुम के सवालों का जवाब दे रहे थे।
योगेंद्र यादव ने कहा: लोगों के अंदर लुकाछिपी एक बेचैनी है। मीडिया की चकाचौंध को दूर रख दें। साधारण लोगों की जिंदगी में देखे तो वे सोच रहीं हैं कि सभी पार्टियां एक साथ आ गईं हैं। वे क्या करेंगी। इसका स्पष्ट उत्तर आज भी नहीं है। कांग्रेस पार्टी प्रयास कर रही है। सभी क्षेत्रीय पार्टियां अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं। लेकिन सभी मिलकर ऐसा करें।ऐसी उम्मीद साधारण लोग कर रहे होंगे:
हम सत्ता में आए तो ये चार-पांच बड़ी चीजें करेंगे।वह आज भी देश के सामने नहीं है। अजीत अंजुम ने भी इस सवाल पर सहमति प्रदान की। न्यूनतम साझा कार्यक्रम की जानकारी देश को होनी चाहिए। 26दलों का गठबंधन में से एक दल कम हो गया है।विपक्ष क्या करेगा, यह एजेंडा साधारण लोगों के जेहन में जाना चाहिए। क्लीयर कंसेप्ट सामने नहीं रखा जा रहा है।
योगेंद्र यादव ने कहा:
राजनीति का चरित्र बदल गया है। बीजेपी ब्लॉगिंग मार्केटिंग कर रही है। दुर्भाग्य से वे इसके अलावा कुछ नहीं करते। हर चीज का नाम और हर चीज की धूम है। हालांकि, राहुल गांधी न्याय शब्द का कंसेप्ट लेकिन साधारण लोगों के बीच में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जा रहे हैं। वे मुहब्बत और नफ़रत के बीच न्याय की बात कर रहे हैं। न्याय, युवा के लिए होगा,नारी के लिए होगा, किसान के लिए होगा। श्रमिक के लिए होगा। हिस्सेदारी में होगा।
ख्यातिलब्ध पोलिटिकल एनालिस्ट योगेन्द्र यादव ने कहा:
यह ठीक है। लेकिन युवा कहेगा, उसके लिए क्या न्याय होगा? ब्यूरोक्रेटिंक्स भाषा में जवाब देने पर काम नहीं चलता। राजनीतिक भाषा में जवाब देना होगा। एक युवा, जो एग्जाम पर एग्जाम दिए जा रहे हैं। सफलता नहीं मिल रही है। इसके लिए स्वयं को दोषी मान रहा है। ऐसे युवाओं के लिए आशा का संदेश लेकर इंडिया गठबंधन कौ लोकसभा चुनाव 2024मे जाना होगा।

















