नजरिया न्यूज़ अररिया।
——(शिक्षाप्रद कविता /शिक्षक – अनमोल आनंद)——
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे एखेन उमर छो कच्चा रे ,
देश के भविष्य तुहि छेन, तोरे से भारत बनते अच्छा रे।
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे एखेन उमर छो कच्चा रे ,
न पढवे त हम कि करवों बाप माय पर हेतो , कानूनी कार्यवाई पक्का रे ।
ई बात हम न कहैछियो ,कहेछो शिक्षा कानून का अधिकार ,
14 साल से कम उम्र के बच्चा से, अपराध छे करवाना काम और रोजगार ।
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे एखेन उमर छो कच्चा रे ।
जे जे बच्चा खेल धूप में समय गमेंवे ,ओकर जिंदगी हेतो बर्बाद,एखेन समझ मेय न येतो , बाद में तू बहुते पछ्तेवे पक्का रे ,
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे एखेन उमर छो कच्चा रे ,
न पढवे त हम कि करवों , बाप माय पर हेतो कानूनी कार्यवाई पक्का रे ।
नमरी लोभ में ,मके में खटवे , आपन बचपन तु गमेंवे ।
कचिया ,पसनी लाय कर खेत मे खटवे , आपन जिंदगी तू गमेवे,
पैसा के लोभ में मजदूरी करवे ,आपन जिंदगी तू गमेवे।
माछ काकुर के लोभ में पानी उफ्फचवे,आपन बचपन तू गमेवे ।
पढ़ै ले एवे .. खनो खैवे , समय समय पर, फलो अंडा पेवे ।
जब तू लगातार स्कूल एवे , फ्री में मिलतो किताब पैसा , पक्का रे ।
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे , एखेन उमर छो कच्चा रे।
न पढवे त हम कि करवों बाप माय पर हेतो , कानूनी कार्यवाई पक्का रे ।
ई बात हम न कहैछियो ,कहेछो शिक्षा कानून का अधिकार ,
14 साल से कम उम्र के बच्चा से, अपराध छे करवाना काम और रोजगार ।
पढ़े लिखे से हाय छे चमत्कार , खुले छे किस्मत का द्वार।
बाप माय के नाम ऊंचा हुए छे , मिले छे बढ़िया बढ़िया काम रोजगार।
डीएम ,सीएम,पीएम यो हो तू ही बनवे, देश पर शाशन तू ही चलेवे।
ई बात याद राखे पक्का रे।
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे एखेन उमर छो कच्चा रे ,
देश के भविष्य तुहि छेन,तोरे से भारत बनते अच्छा रे।
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे , एखेन उमर छो कच्चा रे ।
न पढवे त हम कि करवों ,बाप माय पर हेतो कानूनी कार्यवाई पक्का रे ।
ई बात हम न कहैछियो,कहेछो शिक्षा कानून का अधिकार ।
14 साल से कम उम्र के बच्चा से, अपराध छे करवाना, काम और रोजगार ।
के के पाठक जी के जारी भेले छे फरमान,3 दिन एब्सेंट पर कटतो स्कूल से नाम।न मिलतो सरकारी लाभ पक्का रे।
अनमोल आनंद करे छो पुकार ,इ बात पर एखनी करें सुधार ।
किताब , कॉपी लाय कर स्कूल आवे, शिक्षक पढेतो तोरा पक्का रे ।
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे एखेन उमर छो कच्चा रे।
देश के भविष्य तुहि छेन,तोरे से भारत बनते अच्छा रे।
पेढ ले पेढ ले बच्चा रे एखेन उमर छो कच्चा रे।
(प्रिंसिपल अनमोल कुमार आनंद मध्य विद्यालय कुपाड़ी की शानदार रचना)