== मुफ्त बिजली के दौर में अपनी छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वालों को तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली का एलान बन सकती है बड़ी घोषणा
==
दो एलान और ऐसे हैं जिनपर नज़र रखनी चाहिए और जो लंबे दौर में भारत के लिए बड़े फायदे का कारण बन सकते हैं:
एक-इन्नोवेशन के लिए कंपनियों को पचास साल का ब्याजमुक्त कर्ज देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए देने का एलान और दूसरा राज्य सरकारों को पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने के लिए ब्याजमुक्त कर्ज देने की योजना
==
ये दोनों योजनाएं कुछ वैसी दूरंदेशी वाली योजनाएं हैं जैसा आज़ादी के बाद भारत में अंतरिक्ष और परमाणु अनुसंधान का काम शुरू करने का फैसला था
इनका असर दिखने में उतना तो नहीं मगर काफी वक्त लगेगा. लेकिन फिर यह बहुत लंबे समय तक फल देने वाला पेड़ रोपने जैसा काम है
अनिल उपाध्याय, नजरिया ब्यूरो।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मौजूदा सरकार का आख़िरी बजट पेश किया था।इसमें टूरिज़्म इंडस्ट्री के लिए बजट को दो फ़ीसदी बढ़ा दिया गया है। इस बजट में लोकसभा चुनाव 2019 से पहले पेश किसान सम्मान निधि जैसी कोई योजना नहीं दिखती है लेकिन यह पूरा सच नहीं है। सच यह हो सकता है:
शहरों में किराए के घरों में जिंदगी बिता रहे परिवारों के लिए राहत लेने वाली स्कीम का सिर्फ नाम लिया गया है, उस स्कीम का ब्योरा आएगा तो हो सकता है बजट में जिस राजनीतिक रेवड़ी का इंतजार हो रहा था, वो यहां छिपी हो-यह स्कीम चुनावी कार्ड भी साबित हो सकती है।
इसी तरह मुफ्त बिजली के दौर में अपनी छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वालों को तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली का एलान भी उस राजनीति की काट बन सकता है।
दो एलान और ऐसे हैं जिनपर नज़र रखनी चाहिए और जो लंबे दौर में भारत के लिए बड़े फायदे का कारण बन सकते हैं।
पहला- इन्नोवेशन के लिए कंपनियों को 50 साल का ब्याजमुक्त कर्ज देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए देने का एलान और दूसरा राज्य सरकारों को पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने के लिए ब्याजमुक्त कर्ज देने की योजना।
ये दोनों योजनाएं कुछ वैसी दूरंदेशी वाली योजनाएं हैं जैसा आज़ादी के बाद भारत में अंतरिक्ष और परमाणु अनुसंधान का काम शुरू करने का फैसला था।
इनका असर दिखने में उतना तो नहीं मगर काफी वक्त लगेगा लेकिन, फिर यह बहुत लंबे समय तक फल देने वाला पेड़ रोपने जैसा काम है।
भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया:
“भारत घरेलू पर्यटन के प्रति बढ़े जोश को देखते हुए लक्षद्वीप सहित अपने सभी द्वीपों पर नए आधारभूत ढांचे और पोर्ट कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट शुरू करेगा।हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार :
वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए अनुमानित बजट 2,449.62 करोड़ रुपये हैं। ये 2023-24 में 2400 करोड़ रुपये था। लेकिन 2023-24 का संशोधित अनुमान 1692.10 करोड़ रुपये हो गया।
*अंतरिम बजट का लब्बोलुआब:*
3.79ट्रिलियन डालर देश का उत्पादन है। भारत का हर व्यक्ति लखपति है। प्रति व्यक्ति आय यही सूचना दे रही है।
उल्लेखनीय है कि 6लाख 63हजार 672करोड़ टैक्स 2018-19 सेकार्पोरेट से लिया गया। यह जानकारी देते हुए डाटा एनालिस्ट पुण्य प्रसून बाजपेई ने बताया: आज 2023-24के मार्च तक लिया जा रहा 8लाख 25हजार 834करोड़ रुपये। पांच वर्षो में कारपोरेट टैक्स में डेढ़-पौने दो करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो रही है। वहीं परसनल टैक्स में वसूली दो गुनी हो गई है।पांच वर्ष पहले चार लाख 73हजार 429 करोड़ था। पांच वर्ष में यह बढ़कर आठ लाख 33हजार307 करोड़ रुपये हो गया है।
अन्य मद के टैंक्स एक हजार करोड़ से कम थे। पांच वर्ष बाद बढ़कर 4हजार 900करोड़ को पार कर गया है।
बता दें 2024-25 का बजट 18लाख करोड़ रुपये घाटे का बजट है।100 लाख करोड़ रुपये का कर्ज सरकार 2024के बाद ली है।
====
*बजट का सबसे बड़ा पहलू:*
शहरों में किराए के घरों में जिंदगी बिता रहे परिवारों के लिए राहत देने वाली स्कीम का सिर्फ नाम लिया गया है, लेकिन जब इस स्कीम का ब्योरा आएगा तो हो सकता है कि बजट में जिस राजनीतिक रेवड़ी का इंतजार हो रहा था, वो यहीं छिपी हो।यह स्कीम चुनावी कार्ड भी साबित हो सकती है. इसी तरह मुफ्त बिजली के दौर में अपनी छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वालों को तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली का एलान उस राजनीति की काट भी बन सकता है।दो एलान ऐसे हैं जिनपर नज़र रखनी चाहिए और जो लंबे दौर में भारत के लिए बड़े फायदे का कारण बन सकते हैं।
एक इन्नोवेशन के लिए कंपनियों को पचास साल का ब्याजमुक्त कर्ज देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए देने का एलान और दूसरा राज्य सरकारों को पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने के लिए ब्याजमुक्त कर्ज देने की योजना।
यह दोनों योजनाएं कुछ वैसी दूरंदेशी वाली योजनाएं हैं जैसा आज़ादी के बाद भारत में अंतरिक्ष और परमाणु अनुसंधान का काम शुरू करने का फैसला था।
इनका असर दिखने में उतना तो नहीं मगर काफी वक्त लगेगा. लेकिन फिर यह बहुत लंबे समय तक फल देने वाला पेड़ रोपने जैसा काम है।