मीरा प्रवीण वत्स, विशेष संवाददाता नजरिया न्यूज।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का एलान किया है।
पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर लालकृष्ण आडवाणी को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत के विकास में उनका योगदान बहुमूल्य है।
कुछ दिन पहले ही केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया था।
भारत रत्न मिलने वालों की सूची में लालकृष्ण आडवाणी का नंबर 50वां हैं।साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद बीजेपी ने आडवाणी समेत कुल सात लोगों को भारत रत्न दिया है।जिनमें से पांच लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी समर्थक लंबे समय से लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की मांग कर रहे थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह सम्मान साल 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए दिया गया है? आखिर 10 साल सत्ता में रहने के बाद यह फैसला अब क्यों लिया गया?फाइल फोटो परिचय : वार्ता करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लालकृष्ण आडवाणी
आखिर लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के मायने क्या हैं? यह समझने के लिए नजरिया न्यूज ने वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह और कपिल देव सिंह से बातचीत की है।
ऐसी ही बात वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता करते हैं. वे कहते हैं प्रमोद महाजन, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और नरेंद्र मोदी. इन सबके प्रशिक्षक आडवाणी थे.
फोटो परिचय : राज कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार
राजकुमार कहते हैं, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न देकर अपना आभार प्रकट किया है। लालकृष्ण आडवाणी विपक्ष की राजनीति करते हुए लोकतंत्र प्रहरी का काम किया है। आज जो कार्य राहुल गांधी कर रहे हैं, वह कार्य लालकृष्ण आडवाणी करते रहे हैं। लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने से भारत रत्न की गरिमा बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देकर संघर्ष की राजनीति को सम्मानित किया है।फोटो परिचय : कपिल देव सिंह, वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार कपिल देव सिंह कहते हैं :
प्रमोद महाजन, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और नरेंद्र मोदी. इन सबके प्रशिक्षक आडवाणी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का निर्णय ईमानदारी की राजनीति करते हुए देश की सेवा करने को सम्मानित करने का निर्णय है।