नजरिया न्यूज। भरगामा।
पौष पूर्णिमा के मौके पर भरगामा प्रखंड के विभिन्न नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं के द्वारा आस्था की डुबकी लगाई जाती है। कौशिकी स्नान का विशेष महत्व होने के कारण लोग नदियों में स्थान कर कौशिकी मैया की पूजा करते हैं। वहीं प्रखंड के बरमोतरा स्थित हिरन नदी के तट पर कौशिकी माता की प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। पुरोहित शंकर झा के अनुसार पौष पूर्णिमा के अवसर पर कौशिकी स्नान की महिमा शास्त्रों में भी वर्णित है। बताया कि पौष पूर्णिमा को कोसी स्नान करने से दुख दरिद्रता से मुक्ति मिलती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा के दिन हिरन नदी के तट पर सैकड़ो बच्चों का मुंडन संस्कार भी किया गया। महिलाओं ने कौशिकी माता की विशेष पूजा अर्चना की। करीब 70 साल पुराना हिरन नदी के तट पर स्थापित मां कौशिकी का मंदिर काफी चर्चित है। बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि पहले इस मेले में काफी दूर दराज से लोग आते थे और माता से मन्नत मांगते थे बरसों से चली आ रही है। परंपरा के अनुसार इस अवसर पर दीनाभद्री का सम्मेलन कराया जा रहा है। इस आयोजन में स्थानीय ग्रामीण व
अनंत कुमार मिश्र उर्फ भगवान जी, उदित नारायण मिश्र, गुलाब नारायण मिश्र, सुभाष नारायण मिश्र, अमित कुमार मंडल, अरविंद साह,नवीलाल ऋषिदेव, मनोज ऋषिदेव,मंदिर के मुख्य पुजारी शंकर झा परिहारी
का भरपूर सहयोग मिल रहा है।