- इस क्षेत्र में पटियाला (पंजाब )के तर्ज पर विभिन्न खेलों का होना चाहिए विकास।
- बहुत जल्द विभिन्न स्पोर्ट्स के जानकार एवं खेल प्रेमियों के साथ वे करेंगे बैठक।
- कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल में लगभग करोड़ों की है आबादी फिर भी खेलों के लिए उचित संसाधनों का है काफी अभाव। विभिन्न खेलों के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे को जाना पड़ता है बाहर।
नजरिया न्यूज पूर्णियां/डा. रूद्र किंकर वर्मा। कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल लगभग करोड़ों की आबादी है। फिर भी खेल संसाधनों का अभाव है। पटियाला (पंजाब )के तर्ज पर विभिन्न खेलों का विकास होना चाहिए।
कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल के खिलाड़ियों को एनआईएस प्रशिक्षण के लिए बिहार से बाहर जाना पड़ता है।
पड़ोसी देश नेपाल से कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल का है बेटी रोटी का है संबंध इसको खेल एवं सांस्कृतिक के माध्यम से और आगे बढ़ाने का प्रयास करना है। हम सबों को।
कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल के जिलों में विभिन्न खेलों का बेहतरीन माहौल भी है। विभिन्न खेलों के खिलाड़ी गण जिला एवं राज्य स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
पनोरमा ग्रुप के चेयरमैन संजीव मिश्रा ने कहा कि विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों के लिए बिहार सरकार को स्पोर्ट्स हॉस्टल, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी पर भी काम करने की आवश्यकता है। कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल के खिलाड़ियों को भी बेहतर प्रशिक्षण मिले और एनआईएस प्रशिक्षक के तौर पर रोजगार मिले। यही हम सबों का प्रयास होना चाहिए।
कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल के हजारों बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल सकेगा। और समृद्धिशाली जिलों में शामिल हो सकेगा।
जबकि मिथिलांचल के बाद पूणिया में भी एअरपोर्ट, रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग से जुड़ने जा रहा है। भविष्य में कोशी सीमांचल एवं मिथिलांचल आर्थिक रूप से समृद्ध हो जाएगा। और रोजगार के भी नए-नए अवसर खुलेंगे। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मैचों के आयोजन से जिलों का समृद्धशाली विकास व रोजगार अवसर बढ़ेगा। और विभिन्न खेलों के प्रतिभाशाली युवा पीढ़ी को अपने घरों में ही बेहतर सुविधाएं मिलने से काफी लाभ होगा। और आने वाले पीढ़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध मिल सकेगा।
कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल में क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, कुश्ती अनेकों खिलाड़ियों ने जिला व राज्य स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर अपने जिलों का नाम रौशन किया है।
कोशी – सीमांचल एवं मिथिलांचल में छोटे – बड़े अनेक खेल मैदान उपलब्ध है। केवल खेलों के अनुरूप विकसित करने की आवश्यकता है।