मिथिलांचल के देवघर के नाम से मशहूर कुशेश्वरस्थान शिवनगर में जलाभिषेक के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ हर हर महादेव के जयकारे से गूंज रहा था पूरा शिवालय।
- पूजा में होने वाली आवश्यक सामग्री
- बेलपत्र,भांग धतूरा, गंगाजल, अक्षत, चंदन,धूप अगरबत्ती आदि सामग्री की आवश्यकता होती है।
- मंदिर प्रांगण में महिलाएं कर रही पूजा।
यहां हर एक दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहती है, वही खास करके रविवार और सोमवार के दिन श्रद्धालुओं की के भीड़ में इजाफा देखा जाता है। यहां किसी भी त्यौहार पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु का जन सैलाब पूजा अर्चना करने के लिए उमड़ बढ़ता है,
- पूजा से पूर्व संकल्प कर रहे हैं श्रद्धालु
जैसे की नव वर्ष, मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, श्रावणी मेला, साथ-साथ पूरे साल भर चल रहलु बाबा को जल अभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं, जिसमें जिले के आलावा बेगूसराय, मधुबनी, खगड़िया, समस्तीपुर, सहरसा, पूर्णिमा, भागलपुर सहित पड़ोसी देश नेपाल तक से भी श्रद्धालु मिथिलांचल नगरी कुशेश्वरस्थान बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं,
- पवित्र जलपत्र में चंद्रकूर से जल लेकर श्रद्धालु करते हैं बाबा भोलेनाथ को पूजा ।
भोलेनाथ को चढ़ाने के लिए फुल, बेलपत्र,भांग धतूरा, गंगाजल, अक्षत, चंदन,धूप अगरबत्ती आदि सामग्री की आवश्यकता होती है। इसके लिए मंदिर में नियमित फूल बेलपत्र यादि सामग्री बेचने वाले व्यक्ति विभिन्न प्रकार के फूल, धूप , अगरबत्ती बाहर से मंगाते हैं। वहीं बेलपत्र और धतूरा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो जाता है।