अनिल उपाध्याय, पूर्वांचल ब्यूरो नजरिया न्यूज, 15अगस्त।
मछलीशहर तहसील के सात नागरिक जानकारी के अभाव में गुजरात में भारतीय समुद्री सीमा लांघ कर पाकिस्तान पहुंच गए थे। ये सभी सात मछुआरे 30 महीनों से पाकिस्तान की जेल में कैद में हैं।
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक ये मछुआरे गुजरात के अरब सागर में मछली पकड़ने के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे। तभी से वहां की जेल में हैं। इनके परिवार की माली हालत खराब है। जैसे-तैसे परिवार जीविका चल रही है।
कई बार जिले के उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन सुनवाई होती नहीं दिख रही है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार का दुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की गुहार मीडिया से लगाई है।
उल्लेखनीय है कि मछलीशहर के सात मछुआरे गुजरात में रोजी रोटी के सिलसिले में समुद्र में मछली पकड़ने के काम में लगे थे। 8 फरवरी 2022 को मछली पकड़ने के दौरान ही नाव जानकारी के अभाव में पाकिस्तान की सीमा में घुस गई। पाकिस्तानी सेना ने सातों मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया। मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के बसिरहा गांव निवासी विनोद कुमार की पत्नी हीरावती का रो-रोकर बुरा हाल है। दौड़ते-दौड़ते थक गई है लेकिन कोई उपाय नजर नहीं आ रहा है। हीरावती के दो बच्चे रंजीत (14) आठवीं और अमित (7) तीसरी में पढ़ता है। वह किसी तरह से घर चला कर जीवन यापन कर रही हैं। कुछ ऐसा ही हाल गांव के घुरहू बिंद की पत्नी पार्वती का भी है। पार्वती ने भी रो कर दुख बयां किया। पति की वापसी की गुहार लगाई। उसके छह बच्चे हैं जिसमें चार लड़कियां शकुंतला, सीता व अवतारी की शादी हो चुकी है। संतोषी (18) और दो बेटे धीरज (19), नीरज ( 10) की परवरिश करना दूभर हो रहा है। इसी तरह का हाल अन्य पांचों के घर का है। बगल के गांव नंदापुर निवासी लालमणि बिंद, सुरेश कुमार बिंद गुड्डू, चौबेपुर घघरिया गांव के राजनाथ बिंद, सुरेश के रिश्तेदार मीरगंज थाना क्षेत्र के घाटमपुर निवासी मुलायम एवं धीरज का भी परिवार झोपड़ी बना कर किसी तरह से जीवन यापन कर रहे। सभी अपने घर के अकेले कमाने वाले थे और दो साल से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।