=हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में पांच अगस्त को डीएम कृत्तिका ज्योत्स्ना ने आरोपपित ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक से धनराशि की वसूल का दिया आदेश
अनिल उपाध्याय पूर्वांचल ब्यूरो, नजरिया न्यूज 09अगस्त।
सुल्तानपुर जिले के प्रतापपुर कमैचा के ग्राम पंचायत भौरियार के प्रधान ने मत्स्य पालन के पट्टे के लिए मिले तालाब की खोदाई के नाम पर मनरेगा के करीब 13 लाख रुपये हड़प लिए। पंचायत सचिव, मनरेगा के तकनीकी सहायक की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा किया गया। जांच में मामला सही पाए जाने के बाद डीएम ने तीनों आरोपितों से धनराशि की वसूली करने का निर्देश दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि
अमर उजाला ने मार्च में प्रधान के तालाब पर मनरेगा के 13 लाख खर्च शीर्षक से खबर का प्रकाशन करते हुए उक्त प्रकरण को उठाया था। मामले की शिकायत गांव के मकसूद खान ने की थी, जिस पर जिला कृषि अधिकारी व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता की ओर से की गई जांच में पाया गया कि करीब 17 लाख रुपये से तालाब की खोदाई का इस्टीमेट तैयार किया गया था। कागजों में कार्य दर्शाकर करीब 13 लाख रुपये का फर्जी भुगतान प्रधान वाजिद अली ने करा लिया।
जांच रिपोर्ट में पंचायत सचिव व मनरेगा के तकनीकी सहायक की मिलीभगत पाई गई है। जांच में ये बात भी सामने आई है कि ग्राम प्रधान को प्रशासन की ओर से तालाब मत्स्य पालन के लिए पट्टे पर दिया गया था। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने वसूली का आदेश दिया था। इसके बाद प्रकरण कोर्ट में चला गया। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में पांच अगस्त को डीएम कृत्तिका ज्योत्स्ना ने आरोपी ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक से धनराशि की वसूली का आदेश दिया है।