- प्रमाणीकरण से मरीजों को मिलेगा बेहतर सेवाओं का लाभ
- मार्च 2025 तक सभी जिले के कुल 27 एचडब्ल्यूसी के प्रमाणीकरण का लक्ष्य
अररिया, 18 नवंबर ।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को एनक्यूएएस प्रमाणीकृत बनाने की कवायद की जा रही है ताकि सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके के लोगों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा सके. इसे लेकर चिह्नित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर व्याप्त कमियों का आकलन करते हुए इसमें सुधार की कवायद की जा रही है. गौरतलब है कि एनक्यूएएस किसी स्वास्थ्य संस्थान पर उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं को मापने का एक राष्ट्रीय मानक है. इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों की स्वच्छता, मरीजों के इलाज, दवाओं की उपलब्धता, कार्यरत कर्मियों की कार्यकुशलता सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं को निर्धारित मानकों पर खरा उतरना होता है. एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में पारदर्शिता व विश्वसनीयता बढ़ती है.
प्रथम चरण में तीन एचडब्ल्यूसी प्रमाणीकरण के लिये चिह्नित
जिला कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में जिले के अररिया, फारबिसगंज व जोकीहाट प्रखंड के एक-एक एचडब्ल्यूसी को एनक्यूएएस प्रमाणीकृत बनाने की पहल की जा रही है. इसके तहत अररिया प्रखंड के मुडबल्ला एचडब्ल्यूसी, जोकीहाट के केसर्रा एचडब्ल्यूस व फारबिसगंज के हरिपुर एचडब्ल्यूसी को चिह्नित किया गया है. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया में 80 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने के पश्चात हरिपुर एचडब्ल्यूसी के राज्यस्तरीय आकलन के लिये आवेदन किया गया है. आगामी 19 नवंबर को राज्यस्तरीय अधिकारियों की टीम द्वारा हरिपुर एचडब्ल्यूसी का आकलन किया जायेगा. इसमें बेहतर अंक हासिल करने के बाद नेशनल असेसमेंट को लेकर जरूरी पहल की जायेगी. इसी तरह अररिया के मुडबल्ला एचडब्ल्यूसी व जोकीहाट के केसर्रा एचडब्ल्यूसी का भी राज्यस्तरीय असेसमेंट की प्रक्रिया पूरी करने को लेकर जरूरी कवायद की जा रही है. इसे लेकर संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों का नियमित निरीक्षण व अनुश्रवण किया जा रहा है.
सभी प्रखंड के तीन एचडब्ल्यूसी को प्रमाणीकृत बनाने की हो रही पहल
जिला स्वास्थ्य समिति की डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा इंटरनल असेसमेंट में 80 से 90 फीसदी अंक हासिल करने के बाद संबंधित एचडब्ल्यूसी के राज्यस्तरीय असेसमेंट को लेकर पहल की जा रही है. उन्होंने बताया कि सभी प्रखंड के तीन एचडब्ल्यूसी को एनक्यूएएस प्रमाणीकृत बनाने को लेकर विभाग स्तर से जरूरी पहल की जा रही है. मार्च 2025 तक जिले के कुल 27 एचडब्ल्यूसी को एनक्यूएएस प्रमाणीकृत बनाने का लक्ष्य निर्धारित है. इसे लेकर कर्मियों को खासतौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है. कमियों का आकलन करते हुए सभी जरूरी चिकित्सकीय व बुनियादी सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रमाणीकरण से मरीजों को मिलेगा बेहतर सेवाओं का लाभ
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से न केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेगा. बल्कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की विश्वसनीयता व कार्यक्षमता में भी इजाफा होगा. विभाग की यह पहल ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा. चिह्नित एचडब्ल्यूसी के प्रमाणीकरण को लेकर विशेषज्ञ स्वास्थ्य अधिकारी व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा एचडब्ल्यूसी में कार्यरत सीएचओ द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सेवाएं, प्रमाणीकरण की दिशा में व्याप्त कमियों का आकलन करते हुए इसमें सुधार को लेकर निरंतर प्रयास किये जाने की जानकारी उन्होंने दी l