नजरिया न्यूज अररिया। शिक्षक दिवस के अवसर पर एसडीएम ग्रुप के संस्थापक और समाजसेवी संजय मिश्रा ने अपने बचपन के गुरु, 92 वर्षीय आदरणीय श्री भोला पंडित ‘प्रणयी’ का भावपूर्ण सम्मान किया। इस अवसर पर संजय मिश्रा ने अंगवस्त्र और फूलमाला अर्पित कर गुरुजी को शुभकामनाएं दीं। परंपरा का निर्वाह करते हुए, भोला पंडित ‘प्रणयी’ ने मिश्रा जी को ढेर सारी किताबें और पत्रिकाएं उपहार स्वरूप प्रदान कीं।
भोला पंडित ‘प्रणयी’ का जन्म 6 जनवरी 1936 को अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड अंतर्गत ग्राम कवैया में हुआ। पिता स्व. बुच्चन पंडित और माता स्व. फणीश्वरी देवी थीं।पत्नी का नाम श्रीमती गौरी देवी है, और वर्तमान में अररिया में पुनर्वासित हैं।
श्री प्रणयी ने हिन्दी विद्यापीठ, देवघर (झारखंड) से साहित्यभूषण की शिक्षा प्राप्त की और 1996 में राजकीय प्राथमिक अध्यापन सेवा से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद से आप स्वतंत्र लेखन कार्य कर रहे हैं और 2004 से त्रैमासिक पत्रिका ‘संवदिया’ का निरंतर प्रकाशन कर रहे हैं। ‘संवदिया’ प्रकाशन के स्वामी भी हैं।
श्री प्रणयी की प्रमुख कृतियों में “वह इंसान था” (1962), “मुझे स्कूल जाने दो” (1967), “धूप के फूल” (1982), और “अब मुझे कोई मेरे नाम से नहीं पुकारता” (2020) जैसी रचनाएँ शामिल हैं। उन्होंने साहित्य जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनकी रचनाएँ समाज को समृद्ध कर रही हैं।
इस अवसर पर समाजसेवी संजय मिश्रा ने कहा, “शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर हम अपने गुरु आदरणीय भोला पंडित ‘प्रणयी’ को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और उनके सुदीर्घ एवं स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। उनका मार्गदर्शन हमें सदैव मिलता रहे, यही हमारी कामना है।”