नजरिया न्यूज़ कुर्साकांटा संवाददाता रंजन राज।
नेपाल में चावल की मांग और भाव बढ़ने के बाद तस्करों ने बॉर्डर पार करना शुरू कर दिया। सिकटी विधानसभा के सीमावर्ती क्षेत्र से चावल खरीद रहे हैं और फिर उसे बार्डर पार कर दे रह हैं। पिछले कई दिनों से बार्डर पर चावल की तस्करी बढ़ी है। जब एकाएक चावल की तस्करी बढ़ने के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि नेपाल में भारतीय चावल की डिमांड है। इसमें मोटा चावल पर एक हजार और महीन चावल पर 1500 रुपये मुनाफा है। इसलिए इस समय तस्कर चावल को बार्डर पार पहुंचा रहे हैं। इसमें पूरा रैकेट काम कर रहा है।खुले बार्डर पर तस्करों की नजर पड़ गई है। जो मांग और सीजन के हिसाब से दोनों देशों से सामान इस पार से उस पार करने का कार्य करते हैं। चांदी से लेकर मादक पदार्थ और उर्वरक से लेकर अनाज और कास्टमेटिक के सामान की तस्करी होती है। मौजूदा समय में चावल , तोड़ी की तस्करी बार्डर पर बढ़ी है। तस्करी पिछले एक माह से तेज हो गई है। तस्करी के पीछे की वजह के बारे में जब जानकारी लेने की कोशिश की गई तो नेपाल के लोगों ने बताया कि इस समय देश में स्थानीय चावल की कमी है।एकाएक कीमत बढ़ने के बाद नेपाल के लोग चावल की मांग करने लगे। इसके बाद भारतीय तस्कर चावल उठाकर नेपाल में भेजने लगे हैं। इसलिए एकाएक तस्करी बढ़ गई है। तस्करी किस प्रकार होती है, इसके बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो बार्डर से जुड़े एक व्यक्ति ने एक फोटो और वीडियो मुहैया कराया, जिसमें बाइक पर, महिलाए सर पर दिन में ही दो-दो बाेरी करके चावल लेकर जाते हुए देखे जा सकते हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर बार्डर से लगे लैलोखर,मुरारीपुर, सोनापुर गांव निवासीयो ने कहा कि पूरे दिन चावल उठाकर एक स्थान पर रखते हैं। इसके बाद बार्डर पार कर देते हैं। कुछ लोग बाइक और साइकिल से ही समय देखकर उस पार पहुंच जाते हैं।
यह केवल सिकटी थाना क्षेत्र के बार्डर की स्थिति नहीं है। कुआडी़, सोनामनी क्षेत्र सहित कई इलाका है, जहां से तस्करी हो रही है। सुरक्षा एजेंसियों के सख्ती के बीच सीमा पार चावल कैसे जा रहा है, यह बड़ा सवाल है। अगर तस्करी का यहीं हाल रहा तो यहां भी किल्लत होगी। क्योंकि एक दिन में 100 क्विंटल से अधिक जा रहा है।