ठेकेदारों ने कहा कि अररिया में पुल ढहने पर ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है- जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया
सांसद और विधायक विकास कार्यों की निगरानी करते रहते हैं, इसलिए पुल का ढह जाना आपदा है
दुर्केश सिंह, संपादकीय प्रभारी नजरिया न्यूज, 22जून।
बिहार में पुलों के धँसने, गिरने और टूट कर बर्बाद होना विशेष घटना नहीं है। अररिया में बकरा नदी पर बन रहे पुल के गिरने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि शनिवार को सीवान में गंडक नहर पर बना पुल तेज आवाज के साथ धड़ाम हो गया। पुल गिरने के बाद लोगों में काफी गुस्सा है। इससे कुछ माह पहले किशनगंज में भी मेची की सहारक नदी पर एक पुल ढह गया था।
*बिहार -सिवान में ढह रहा पुल- नजरिया न्यूज*
अररिया में पुल ढहने पर ठेकेदारों ने बताया कि असिस्टेंट इंजीनियर ,जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। किशनगंज के ठेकेदार शिराज रहमान को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। उच्चस्तरीय जांच दल का गठन किया गया है। सरकारी धन के दुरुपयोग की प्राथमिकी भी दर्ज होगी।
ठेकेदारों के द्वारा बताया गया पुल और सड़कों की नियमित निगरानी सासंद और एमएलए द्वारा की जाती है। पुल निर्माण के मानक में कमी रहती तो लोकसभा और विधानसभा में ठेकेदार के कार्य विरोध में आवाज अवश्य उठती। पुल ठह जाने का कारण आपदा भी हो सकती है। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
*बिहार -अररिया में ढह रहा पुल- नजरिया न्यूज*
वहीं अररिया के लोगों का कहना कि पुल में आठ एम की सरिया लगाई है। पौने आठ करोड़ के लागत के पुल में आठ एम की सरिया घटिया सामग्री कहलाएगी। निगरानी टीम के सभी पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। क्षेत्रीय सांसद और विधायक को घटिया कार्य के विरोध में आवाज बुलंद करनी चाहिए।