नजरिया न्यूज आकाश बाबा रानीगंज।
गुरुवार को रानीगंज के फरियानी कोशी नदी के जामुन घाट पर पौष पूर्णिमा के अवसर पर दोस्ती का मेला लगा ।यह मेला महज एक दिन का होता है।गुरुवार की सुबह में ही लोगों ने नदी किनारे पूजा अर्चना की।हालांकि अब दोस्ती के नाम का मेला की चमक धीरे धीरे फीकी होती जा रही है।बूढ़े पुराने लोग आज भी इसे मानते हैं।लेकिन नई पीढ़ी के युवा इसे लकड़ी के मेले से जानते हैं एवं उसी को लेकर खरीदारी करने मेले आते हैं।
फरियानी कोशी घाट पर यह दोस्ती का मेला सदियों पुरानी परंपरा है । दूर दराज के संबंधियों से लेकर हार फेर बदल के मित्रता गला मिलकर मित्रता की कसमें दुहराते हैं । कहा जाता है कि इसी नदी के किनारे पर पहुंपरा की महारानी इंद्रावती अपने महल से चलकर यमुना धाट आती थी । सार्वजनिक रूप से कोशी नदी में स्नान एवम पूजा करती थी । रानी के साथ पूजा स्नान करने के लिये पूरे इलाके की प्रजा उमड़ पड़ती थी । स्वतः मेला लग जाता था । जो आज तक कायम है । बताया जाता है कि उस समय भी श्रद्धा और भक्ति के स्नान के बाद प्रजा एक दूसरे के करीव आते थे । इसलिए इसे दोस्ती का मेला भी कहा जाता है । महारानी की प्रजा भी नदी में स्नान कर दोस्ती की रश्म निभाते थे । इस विशाल मेले में दूर दूर से लोग साइकिल , घोड़ा , बेलगाडी , मोटरसाइकिल , जीप , ट्रैक्टर आदि से भरकर लकड़ी के समान ले जाते हैं । कई लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते हैं ।यहाँ स्नान के बाद नदी की साक्षी मानकर दोस्ती लगाते हैं । यही नहीं अगले वर्ष के मेले में भी आने का न्योता सभी दे रहे थे । मेले में लकड़ी के सस्ते पलंग , कुर्सी टेबल व चौकी की खूब खरीदारी होती है। एक दिन के लड़की के सामानों की खरीदारी के लिए अररिया , पूर्णिया , सहरसा , सुपोल , किशनगंज , सहित नेपाल से हजारों लोग आते हैं । इस मेले में लकड़ी के सस्ते पलंग , कुसी , टेवल , चौकी से लेकर कई प्रकार के घरेलू उपकरण मिलते हैं ।
मेले में सुगवा बेर,नारंगी , सहित कई फलफूल व तेजपत्ता की महक अलग खुशबू बिखेरती है । इस मेले में लकड़ी के बने सामानों की खूब विक्री होती है । इसकी तैयारी को लेकर कई जिले के बढ़ई कई माह पूर्व से सामान बनाने लग जाते हैं । कहते है कि जो भी जितना समान लाता है वो एक ही दिन में बिक जाता है । इस मेले में करोड़ो रुपया की खरीदारी लोगों द्वारा होती है।
एक दिन की इस ऐतिहासिक मेले से आज तक कोई भी खाली हाथ नहीं गया है ।