डॉ.जयसिंह राजपूत, नजरिया न्यूज संवाददाता, गौराबादशाहपुर, 24जनवरी।
जौनपुर की धर्म नगरी कयार की धरती पर श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में ब्रह्मांडपुरी महामंडलेश्वर जी महाराज ने कथा के दौरान बताया कि एक बार माता जानकी श्री रामचंद्र जी से कहने लगीं:
हमारे चरण आपके चरण से सुंदर हैं तो श्री रामचंद्र जी ने कहा:
नहीं ! हमारे चरण आपके चरणों से सुंदर हैं!
इस आपसी विवाद का फैसला हो नहीं पा रहा था तो माता जानकी ने कहा:
लक्ष्मण जी आप ही बताइए किसके चरण सुंदर हैं,अब लक्ष्मण जी के सामने धर्म संकट आ गया।उन्होंने माता जानकी को खुश करने के लिए कहा की चरण तो आपके ही सुंदर हैं, फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा की चरण तो भगवान श्री राम जी के सुंदर है।
फिर माता ने कहा:
आप दोनों तरफ की बातें क्यों कर रहे हैं!लक्ष्मण जी ने बड़े ही सहज भाव से कहा:
अगर भगवान श्री राम के चरण ना होते तो अयोध्या में आपके चरण कैसे आते और उनके चरण इसलिए भी सुंदर हैं कि जिनके आचरण सुंदर होते हैं उनके चरण भी सुंदर होते हैं, व्यक्ति के चरण की पूजा तभी होती है जब उसके आचरण सुंदर होते हैं,इसलिए जो भी व्यक्ति दूसरों को उपदेश देता है अगर वास्तव में उसको अपने आचरण में ले आए तो यह संसार ही सुंदर हो जाएगा।
कथा के अंतिम दिन भंडारे में हजारों लोगों को प्रसाद भी ग्रहण किया ।विश्व हिंदू परिषद पूर्व विभाग अध्यक्ष सभाजीत सिंह द्वारा आयोजित इस कार्य में विशेष सहयोगी सुरेंद्र कुमार सिंह,विरेन्द्र कुमार सिंह,प्रमोद सिंह चौहान,पवन कुमार गुप्ता,उर्मिला सिंह,घनश्याम प्रजापति, शेर बहादुर यादव प्रधान आदि लोगों की अहम भूमिका रही।