= :वित्तीय वर्ष 2020में 15लाख 49हजार 909रुपये ग्राम पंचायत ने स्वीकार किया, कुल 46लाख रुपये से अधिक राशि ग्राम पंचायत के पास पहले थी उपलब्ध, 3लाख,53हजार 100रुपये पंचायत ने किया खर्च, नहीं पूर्ण हुआ कोई कार्य
=46कार्यों के सापेक्ष 52लाख, 83हजार,771आवंटित किया गया, तीन वर्षों में एक भी कार्य नहीं हुआ पूरा
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=ग्राम पंचायत सरकार हरीपुर ने वित्तीय वर्ष 2022 में 22 लाख 59 हजार 811 रुपये प्राप्त और 17लाख, 15हजार, 423, रुपये खर्च किया
=वित्तीय वर्ष 2022 में कुल 33योजनाओं के लिए 57लाख,96 हजार 990रुपये की ग्राम पंचायत हरीपुर ने स्वीकृति प्रदान की
वित्तीय वर्ष 2022 में 46लाख, 690हजार,80 रुपये लागत की 15 योजनाओं पर कार्य जारी है, वित्तीय वर्ष 2022की एक भी योजना 26फरवरी 2023तक नहीं हुई है पूर्ण
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== वित्तीय वर्ष2023की रिपोर्ट==
ग्राम पंचायत सरकार हरीपुर ने वित्तीय वर्ष 2023 में 17लाख 98हजार 562 रुपये प्राप्त और खर्च किया
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= वित्तीय वर्ष 2023 में कुल 43योजनाओं के लिए 20,81,393.00रुपये की ग्राम पंचायत हरीपुर ने स्वीकृति प्रदान की
=7,36,873रुपये की 06योजनाओं पर जारी है कार्य,26फरवरी 2023तक एक भी योजना नहीं है पूर्ण
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अनिल उपाध्याय, पूर्वांचल ब्यूरो- नजरिया न्यूज, 27फरवरी ।
सुल्तानपुर जिले के विकास खंड करौदीकलां अंतर्गत ग्राम पंचायत हरीपुर में तीन वर्ष के अंदर कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस दौरान 34.50 लाख रुपये से अधिक राशि ग्राम पंचायत सरकार हरीपुर द्वारा खर्च की गई।
वित्तीय वर्ष 2021में ग्राम पंचायत हरीपुर के बैंक खाते में कुल 46लाख, 62हजार,815रुपये उपलब्ध था। इसके सापेक्ष
46कार्यों के लिए 52लाख, 83हजार,771आवंटित किया गया था। फिलहाल तीन वर्षों में एक भी कार्य ग्राम पंचायत सरकार पूरा नहीं किया है।
यह रिपोर्ट ग्राम पंचायत हरीपुर के दस्तावेज पर आधारित है।
ग्राम पंचायत हरीपुर के दस्तावेज प्रमाणित कर रहे वित्तीय वर्ष 2021-22, वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में एक भी कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। यही स्थिति इस पंचायत के निकट स्थित दूसरी ग्राम पंचायत करौलीकलां की भी है। ग्राम पंचायत करौलीकलां में भी वित्तीय वर्ष 2020-21 से आजतक की सभी योजनाएं की स्थिति स्पष्ट नहीं हैं।
इस संबंध में ग्राम पंचायत हरीपुर के ग्रामीणों ने सवाल किया:
क्या ग्राम पंचायत हरीपुर में भ्रष्टाचार हुआ है। इस संबंध में आधिकारिक सूत्रों ने बताया:
हरीपुर ग्राम पंचायत में 37.50लाख रुपये खर्च किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021में 46लाख रुपये ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध थे। एक भी कार्य 27फरवरी 2023तक पूर्ण नहीं हुआ है। यह जानकारी ग्राम पंचायत हरीपुर को सवालों के घेरे में खड़ा करता है। 2021 से एक भी कार्य पूर्ण नहीं दिखाना सूचनाओं को छिपाना है। सूचना को छिपाना सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है।
क्यों मिलती हैं ग्राम पंचायत सरकार को राशि:भारत सरकार
प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में
2021-22 में अब तक ग्रामीण स्थानीय निकायों को 31,765.2715 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।11 मार्च 2022 शाम 7:17 बजे पीआईबी दिल्ली द्वारा जानकारी में बताया गया है कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने शुक्रवार को रुपये की राशि जारी की। ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश को 5,045.60 करोड़ रुपये जारी किए गए।
15 वें वित्त आयोग (एफसी-XV) ने दो महत्वपूर्ण सेवाओं अर्थात् (ए) स्वच्छता और खुले में शौच के रखरखाव में सुधार करने के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को निर्धारित अनुदान जारी करने की सिफारिश की है। मुफ़्त (ओडीएफ) स्थिति और (बी) पीने के पानी की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण। 15 वें वित्त आयोग (एफसी-XV) द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को अनटाइड अनुदान जारी किया जाता है ।
पंचायती राज संस्थाओं के लिए निर्धारित कुल सहायता अनुदान में से 60 प्रतिशत पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और स्वच्छता (जिसे बंधित अनुदान के रूप में संदर्भित किया जाता है) जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के लिए निर्धारित किया गया है, जबकि 40 प्रतिशत अनिर्धारित है और इसका उपयोग किया जाना है। स्थान विशेष की महसूस की गई आवश्यकताओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं का विवेक पर निर्भर करता है।
स्थानीय निकाय अनुदान का उद्देश्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत स्वच्छता और पेयजल के लिए केंद्र और राज्य द्वारा आवंटित धन के अलावा ग्रामीण स्थानीय निकायों को अतिरिक्त धन सुनिश्चित करना है।
वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान अनुदान के लिए पात्र होने के लिए, ग्रामीण स्थानीय निकायों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। ये शर्तें पारदर्शिता बढ़ाने, स्थानीय निकायों के चुनावों के नियमित संचालन और स्थानीय निकायों द्वारा वार्षिक विकास योजनाएं तैयार करने के लिए निर्धारित की गई हैं।
बंधे और बंधे हुए अनुदान दोनों प्राप्त करने के लिए, कम से कम 25 प्रतिशत स्थानीय निकायों द्वारा पिछले वर्ष के अनंतिम खाते और पिछले वर्ष के पहले वर्ष के लेखापरीक्षित खातों को तैयार करना और सार्वजनिक डोमेन में ऑनलाइन उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
इसके अलावा, खातों को eGramswaraj और ऑडिट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए। अनुदान केवल उन्हीं स्थानीय निकायों को जारी किया जाता है जो विधिवत निर्वाचित होते हैं।
इसके अलावा, बंधा हुआ अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होने के लिए, ग्रामीण स्थानीय निकाय ई-ग्रामस्वराज पर विकास योजनाएं अपलोड करेंगे, जिसमें स्वच्छता और पेयजल आपूर्ति के लिए वार्षिक कार्य योजना का विवरण होगा। पेयजल आपूर्ति के लिए वार्षिक कार्य योजना में पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के बारे में विवरण शामिल होंगे। स्वच्छता के लिए वार्षिक कार्य योजना में ओडीएफ की स्थिति और रखरखाव और स्थानीय निकाय में एसएलडब्ल्यूएम हस्तक्षेप की योजना और कार्यान्वयन शामिल होगा।
स्थानीय निकायों को 15 वें एफसी फंड [दोनों घटकों] के उपयोग का विवरण भी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
राज्यों को केंद्र सरकार से अनुदान प्राप्त होने के 10 कार्य दिवसों के भीतर स्थानीय निकायों को अनुदान हस्तांतरित करना आवश्यक है। 10 कार्य दिवसों से अधिक की देरी के लिए राज्य सरकारों को ब्याज सहित अनुदान जारी करना होगा।