- मोतिहारी के छोटा बरियारपुर में सीएस ने किया कार्यक्रम का शुभारम्भ
- रात्रि 8:30 से की जा रही है जाँच
- स्वास्थ्य दिखने वाले लोगों में भी हो सकता फाइलेरिया के परजीवी
मोतिहारी, 30 नवंबर
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारम्भ मोतिहारी के छोटा बरियारपुर से किया गया। नाईट ब्लड सर्वें कार्यक्रम का उद्घाटन जिले के सिविल सर्जन विनोद कुमार सिंह, डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने संयुक्त रुप से फीता काटकर किया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा की जिले में मोतिहारी के बरियारपुर, मधुबनी घाट, तुरकौलिया,सहित कई स्थानों पर जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उत्साही माहौल में नाईट ब्लड सर्वें कार्यक्रम की शुरुआत आज से की गईं है। फलेरिया रोगियों के पहचान के लिए चयनित स्थानों पर प्रत्येक ब्लॉक के रैंडम एवं तथा सेंटीनल साइट से लोगों को जागरूक करते हुए 300-300 स्लाइड प्रशिक्षित एलटी द्वारा लेकर जाँच किया जाता की कहीं स्वास्थ्य दिखने वाले व्यक्ति में भी फाइलेरिया के परजीवी तो नहीं, उनके जाँच के उपरांत फलेरिया रोगी की पहचान हो पाती है। इसके बाद उनको विभाग द्वारा प्राप्त दवाए खिलाई जाती है ताकि शरीर के अंदर मौजूद फाइलेरिया का परजीवी निष्क्रिय हो जाए।
रात्रि 8:30 से की जा रही है रक्त की जाँच:
डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने कहा की विभिन्न साईट पर रात्रि 8:30 से जाँच की जा रही है।उन्होंने बताया की रात में ही लोगों के खून का सैंपल लेकर फाइलेरिया संक्रमण का पता लगाया जाता है, क्योंकि इसका जीवाणु माइक्रोफाइलेरिया रात में सक्रिय होता है। उन्होंने बताया कि इसमें 20 साल से अधिक आयु की महिलाओं एव पुरुषों का ही सैंपल लिया जाएगा। सैंपल लेकर रक्त पट्टिका बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य फालेरिया रोगी मिलने पर उसका तत्काल इलाज मुहैया कराकर जिले को इस रोग से मुक्त बनाना है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की लगभग 1270 लोगों की जाँच की जा चुकी है, फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होता इसे समय पर पहचान कर इसके प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है।इसके लक्षण है कई दिन तक रुक-रुक कर बुखार आना।शरीर में दर्द एवं लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन, हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पांव) एवं पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील)वहीं महिलाओं के ब्रेस्ट में सूजन, पहले दिन में पैरों में सूजन रहती है और रात में आराम करने पर कम हो जाती है।संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण पांच से 15 साल तक में दिख सकते हैं।
फाइलेरिया से बचाव के उपाय:
लक्षण लगने पर समय से जांच कराकर इलाज शुरू कर दें,फाइलेरिया की दवा का सेवन ज़ब कराया जाए तो पांच वर्ष तक दवा का लगातार सेवन करें।फाइलेरिया के मच्छर गंदी जगह पर पनपते हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव करें।साफ़ सफाई रखकर मच्छर से बचने के लिए फुल कपड़े पहनें।रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह, डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा, यूनिसेफ़ से धर्मेंद्र कुमार, भीडीसीओ रविंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सत्य नारायण उरांव, एएनएम, आशा, व अन्य लोग उपस्थित थे।