वैशाली। राजस्थान के जयपाल सिंह के लिए बिहार में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर काम करना चुनौतियों से भरा था। लेकिन उनका उद्देश्य स्पष्ट था- स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी लाना। पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के मिश्रौलिया एचडब्ल्यूसी में कार्यरत जयपाल सिंह ने न केवल इस सेंटर को कायाकल्प दिया, बल्कि गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई पहचान दिलाई।
बदलाव की शुरुआत- गांव में ही रहने का निर्णय:
जयपाल सिंह ने जब पहली बार मिश्रौलिया एचडब्ल्यूसी में कदम रखा, तब सेंटर की हालत बेहद खराब थी। “मैंने निश्चय कर लिया कि यहीं रहकर बदलाव लाऊंगा,” जयपाल बताते हैं। उनके समर्पण ने गांव के मुखिया नागेन्द्र प्रसाद और वार्ड सदस्य चुन्नू पांडेय को भी प्रभावित किया। दोनों का कहना है कि जयपाल की दिनचर्या और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें विश्वास दिलाया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भविष्य उज्जवल है।
आज यह सेंटर जिले में मिसाल बन चुका है। यहां 151 प्रकार की दवाइयां और 14 तरह की किट से जांच की सुविधा उपलब्ध है। बीपी और शुगर की दवाइयों का नियमित वितरण सुनिश्चित करने के लिए टीम घर-घर जाकर मरीजों की स्थिति जांचती है।
किशोरों और बुजुर्गों का विश्वास जीतने का सफर:
जयपाल ने गांव में किशोरों के लिए खेल आयोजनों से शुरुआत की और बुजुर्गों के लिए नियमित बीपी व शुगर जांच की सुविधा शुरू की। इन छोटे लेकिन प्रभावी कदमों से एचडब्ल्यूसी के प्रति ग्रामीणों का विश्वास बढ़ा। जहां चार साल पहले केवल 5-10 मरीज प्रतिदिन आते थे, आज 70-80 मरीज ओपीडी का लाभ उठाते हैं।
किशोरियों की मासिक स्वच्छता से जुड़ी पहल:
जयपाल बताते हैं, “एक बार किशोरियों के साथ गतिविधि के दौरान एक किशोरी को मासिक स्वच्छता से जुड़ी समस्या हुई। पता चला कि आर्थिक तंगी के कारण वह सैनिटरी नैपकिन नहीं खरीद पा रही थी।” तब से जयपाल ने अपने खर्च पर किशोरियों को सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराना शुरू किया। इसके साथ ही वे किशोरियों को मासिक स्वच्छता, कम उम्र में शादी, और दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूक करते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने की कोशिश:
जयपाल का मानना है कि ज्यादा दवाइयों की बजाय जीवनशैली में सुधार से स्वास्थ्य बेहतर किया जा सकता है। वे गांव में योग को बढ़ावा देते हैं और मरीजों को खान-पान व जीवनशैली में बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं।
ग्रामीणों का बदला नजरिया:
मुखिया नागेन्द्र प्रसाद कहते हैं, “जयपाल सिंह ने न केवल सेंटर की दशा सुधारी, बल्कि ग्रामीणों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। आज मिश्रौलिया एचडब्ल्यूसी पूरे जिले के लिए आदर्श बन चुका है।”
जयपाल सिंह जैसे समर्पित सीएचओ की वजह से ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का चेहरा बदल रहे हैं। उनका प्रयास दिखाता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो क्षेत्र और संस्कृति कोई भी हो, बदलाव संभव है।