==बीबीसी के सहयोगी पत्रकार रवि प्रकाश के अनुसार, ये दावा किया जा रहा है कि सीएम सोरेन ने ईडी अधिकारियों को एक ईमेल भेजा है, इसमें बुधवार को पूछताछ के लिए पेश होने की बात कही गई है
इससे पहले दिल्ली में सोरेन के दिल्ली स्थित घर पर जब ईडी की टीम पहुंची तो वहां से कुछ दस्तावेज़ मिले
सोरेन के ना मिलने पर ईडी ने आवास से इन दस्तावेज़ों ज़ब्त किया और उनकी एक बीएमडब्लयू कार भी सीज़ कर ली और ड्राइवर को भी साथ ले गई
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समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सोरेन के दिल्ली वाले घर से एसयूवी के साथ 36 लाख रुपये भी मिले हैं
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं होने के बाद बीजेपी ने उन पर लापता होने के आरोप लगाए
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार रवि प्रकाश के अनुसार, ये दावा किया जा रहा है कि सीएम सोरेन ने ईडी अधिकारियों को एक ईमेल भेजा है. इसमें बुधवार को पूछताछ के लिए पेश होने की बात कही गई है.
इससे पहले दिल्ली में सोरेन के दिल्ली स्थित घर पर जब ईडी की टीम पहुंची तो वहां से कुछ दस्तावेज़ मिले.
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बीबीसी के सहयोगी पत्रकार रवि प्रकाश के अनुसार:ये दावा किया जा रहा है कि सीएम सोरेन ने ईडी अधिकारियों को एक ईमेल भेजा है, जिसमें बुधवार को पूछताछ के लिए पेश होने की बात कही गई है
दुर्केश सिंह, संपादकीय प्रभारी नज़रिया न्यूज, 31जनवरी। सोशल मीडिया में भी सार्वजनिक धन खाने के आरोपितोन पर ईडी का शिकंजा कसते जाने की खबर चर्चा में है। जिसमें विपक्ष के सत्तासीन दिग्गज नेताओं पर ईडी की कार्रवाई का निहितार्थ कार्रवाई करना नहीं अपितु घेराबंदी करना कथित राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं। सवाल उठाया जा रहा है कि ईडी के डर से भाजपा में शामिल हो जाने पर ईडी की कार्रवाई शिथिल क्यों हो जाती है। वर्ष 2023 में बिहार में ईडी की छापामारी और कार्रवाई को शिथिल कर देने का उदाहरण दिया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकारों की मांग है कि भ्रष्टाचार करने वाले को जेल भेज दिया जाए। ऐसी कार्रवाई से राजनीतिक लाभ हानि पर ध्यान नहीं दिया जाए।
फिलहाल मंगलवार को बीजेपी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की ‘गुमशुदगी’ का भी एक पोस्टर जारी किया और उनका पता बताने वाले को इनाम देने की भी घोषणा की।
मीडिया के मुताबिक:
हालांकि बीजेपी के दावों के बीच मुख्यमंत्री सोरेन मंगलवार दोपहर रांची पहुंच गए, जहां उनके आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों और मंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं।
इस कारण सोरेन की पत्नी भी अचानक सुर्खियों में आ गई हैं। कल्पना सोरेन इस समय विधायक नहीं हैं लेकिन वो आज हुई विधायकों की बैठक में शामिल थीं। पार्टी की ओर से फ़िलहाल उन्हें कोई राजनीतिक ज़िम्मेदारी देने के बारे में घोषणा नहीं हुई है। तस्वीर -हेमंत सोरेन विधायकों के साथ बैठक करते हुए मीडिया में है।
ईडी कथित ज़मीन घोटाले से जुड़े मामले में सोरेन से पूछताछ करना चाहती है:
ईडी ने मुख्यमंत्री से 29 या 31 जनवरी को पूछताछ के लिए अपनी मौजूदगी की पुष्टि करने को कहा था।इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने ईडी को मेल भेजा। इसमें कहा गया कि ईडी अधिकारी 31 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास आकर उनका बयान दर्ज कर सकते हैं।
मीडिया की खबर के मुताबिक:
29 जनवरी को सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा था कि मुख्यमंत्री निजी काम से दिल्ली में हैं लेकिन ईडी की टीम जब उनके दिल्ली आवास पर पहुंची तो वहां भी वह नहीं मिले। इसके बाद से मुख्यमंत्री को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे।
झारखंड में ईडी की जांच को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष भी आमने-सामने है। ये मामला लंबे समय से चला आ रहा है।
मीडिया के अनुसार: मुख्यमंत्री सोरेन से कथित जमीन घोटाले के जिस मामले में ईडी पूछताछ करना चाह रही है, वो सेना के 4.55 एकड़ मालिकाना हक वाली जमीन की खरीद बिक्री से जुड़ी है।ये जमीन रांची के बड़गाई इलाके में है और इस अंचल के राजस्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप की इस संबंध में गिरफ़्तारी भी हो चुकी है।
ईडी इस मामले में 20 जनवरी को मुख्यमंत्री से पूछताछ कर चुका है। मुख्यमंत्री से रांची में करीब सात घंटे तक जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी।ये पूछताछ भी मुख्यमंत्री को जारी कई समन के बाद हुई थी।
20 जनवरी से पहले ईडी ने सोरेन को सात समन जारी किए थे लेकिन, वो जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।आठवें समन के बाद उन्होंने अपना बयान रिकॉर्ड कराया।सोरेन को पहला समन 14 अगस्त 2023 को जारी हुआ था।इस मामले में एजेंसी ने अब तक 14 लोगों की गिरफ़्तारी की है जिसमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं।
पिछले साल 13 अप्रैल को ईडी ने झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में क़रीब 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें झारखंड कैडर के आईएएस छवि रंजन से संबंधित ठिकाने भी शामिल थे। रंजन पहले रांची के डिप्टी कमिश्नर भी रह चुके हैं।
ईडी के समन के ख़िलाफ़ अदालत जा चुके हैं सोरेन
ईडी के समन के ख़िलाफ़ सोरेन पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे लेकिन उन्हें वहां कोई राहत नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट से उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश मिला।इसके बाद सीएम ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली।
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में अदालत को बताया था कि मुख्यमंत्री किसी भी समन पर पेश नहीं हुए और ऐसा करके उन्होंने समन का उल्लंघन किया है।
सीएम की तरफ़ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए और कहा कि सीएम के ख़िलाफ़ कोई मामला दर्ज नहीं है।उन्होंने कहा कि समन में ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस रूप में बुलाया गया है आरोपी या गवाह।हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीएम की याचिका ख़ारीज कर दी थी।