- अररिया अंचल कार्यालय के लिपिक राजेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
- यह कार्रवाई जिला पदाधिकारी अनिल कुमार द्वारा कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों पर की गई है।
- यह निर्णय बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण अधिनियम, 2005 की धारा-09 के तहत हुआ और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है।
नजरिया न्यूज़ अररिया, विकाश प्रकाश। जिला पदाधिकारी अनिल कुमार द्वारा कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सख्त कदम उठाते हुए अररिया अंचल कार्यालय के लिपिक राजेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण अधिनियम, 2005 की धारा-09 के तहत की गई है। इस कदम से जिला प्रशासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट संदेश दिया गया है।
जिला प्रशासन को लंबे समय से अंचल कार्यालय में लिपिक राजेश कुमार सिंह के कार्यों में अनियमितता और लापरवाही की शिकायतें मिल रही थीं। भ्रष्टाचार के इन आरोपों ने न केवल प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचाया, बल्कि आम जनता के बीच नाराजगी भी बढ़ाई। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जिला पदाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए निलंबन का आदेश जारी किया।
निलंबन अवधि में राजेश कुमार सिंह का मुख्यालय नरपतगंज प्रखंड कार्यालय होगा और उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच प्रक्रिया शुरू करने के आदेश भी दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला सिर्फ एक लिपिक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही की ओर इशारा करता है। जनता की उम्मीदें और सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की मांग प्रशासन पर दबाव बना रही है। जिला पदाधिकारी का यह कदम अन्य अधिकारियों के लिए भी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि इस कार्रवाई से प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार होता है या नहीं, लेकिन फिलहाल भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ यह सख्त कदम जनता को संतोष प्रदान करता है।