- अजय अग्रवाल, अररिया के चर्चित व्यापारी, रहस्यमय तरीके से गायब हुए थे।
- उनकी गुमशुदगी से व्यापार जगत और स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा हुआ है।
- पुलिस अधीक्षक अमित रंजन ने विशेष जांच दल (एसआईटी) बना कर सकुशल बरामद किया।
- एसआईटी टीम का नेतृत्व एएसपी राम पुकार सिंह ने कियाहै।
- पुलिस ने अजय अग्रवाल को सकुशल बरामद कर लिया जल्द ही व अपने परिवार के बीच होंगे।
नजरिया न्यूज़ अररिया(बिहार) विकाश प्रकाश। अररिया के चर्चित व्यापारी अजय अग्रवाल, जो हाल ही में रहस्यमय तरीके से गायब हो गए थे, को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है। अग्रवाल की अचानक गुमशुदगी ने न सिर्फ व्यापार जगत में हलचल मचाई थी, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी हड़कंप मच गया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित रंजन ने तुरंत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसका नेतृत्व एएसपी राम पुकार सिंह ने किया।
एसआईटी की प्रारंभिक जांच में अजय अग्रवाल के मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाला गया, जिससे यह पता चला कि उनका टिकट सीमांचल एक्सप्रेस में बुक था। इसके बाद पुलिस ने अग्रवाल की मोबाइल लोकेशन को ट्रैक किया, जो पहले दिल्ली में और फिर वाराणसी में मिली। तकनीकी जांच में यह खुलासा हुआ कि अग्रवाल ने दिल्ली पहुंचने के बाद नया मोबाइल नंबर इस्तेमाल करना शुरू किया था, जिससे उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो गया था।
पुलिस की टीम ने बिना देरी किए वाराणसी में पहुंचकर व्यापारी को सुरक्षित बरामद किया। एसपी अमित रंजन ने बताया कि अजय अग्रवाल को अररिया लाया जा रहा है, लेकिन उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अभी ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी है। अग्रवाल के अचानक गायब होने की असली वजह अब तक स्पष्ट नहीं है, और पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।
व्यापारी के सकुशल मिलने से अररिया के व्यापारियों और स्थानीय जनता ने राहत की सांस ली है। अजय अग्रवाल की बरामदगी के साथ ही व्यापार जगत में भी शांति लौटी है, लेकिन उनके अचानक गायब होने के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए अब भी कई सवाल उठ रहे हैं।
इस घटना ने न केवल व्यापारिक हलकों में चिंता फैलाई, बल्कि पुलिस की त्वरित और सटीक कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया कि कानून व्यवस्था सही दिशा में कदम बढ़ा रही है। पुलिस की कार्रवाई को लेकर जहां एक तरफ प्रशंसा हो रही है, वहीं दूसरी तरफ यह भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसे हालात क्यों बने, जिससे अग्रवाल को अचानक गायब होना पड़ा। क्या यह व्यापारिक रंजिश थी या फिर कोई व्यक्तिगत कारण? जांच के नतीजे इस बात पर रोशनी डाल सकते हैं, लेकिन इतना तय है कि यह मामला सिर्फ व्यापारी समुदाय ही नहीं, बल्कि पूरे शहर की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा सवाल बनकर सामने आया है।