- रहीम कहते हैं कि यदि विपत्ति कुछ समय की हो तो वह भी ठीक ही है, क्योंकि विपत्ति में ही सबके विषय में जाना जा सकता है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन नहीं…
दुर्केश सिंह, संपादकीय प्रभारी नजरिया न्यूज, बिहार/उतर प्रदेश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णय की समीक्षा वर्तमान नहीं कर पा रहा है। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न अब माना गया है। तमाम भारत रत्न के विषय में राजनीति को सोचने की फुरसत नहीं है।
आज के सोशल मीडिया पर एक पत्रकार की टिप्पणी गौर करने वाली है:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 28 जनवरी का निर्णय करते समय अपनी छाया के बराबर भी नहीं दिख रहे थे। इसका अर्थ एक पत्रकार ने निकाला: ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की मौत ह़ो गई थी। लाल बहादुर शास्त्री सौभाग्यशाली थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लाल बहादुर शास्त्री की तरह भाग्यशाली नहीं रहे।
प्रो अखिल स्वामी: भाजपा जीत जाए या इंडिया जीत जाए, नीतीश कुमार का राजनीतिक भविष्य खत्म हो गया है। दोनों नहीं जीतते हैं तो नीतीश कुमार का मूल्य 2024मे बना रहेगा।
पत्रकार प्रशांत कुमार ने नीतीश कुमार के लिए सबसे खराब शब्द का चयन किया। इस शब्द के आधार का मूल्यांकन करते हुए राजनीतिक विश्लेषक दीपक शर्मा ने कहा: नीतीश कुमार अपनी छाया के बराबर भी 2024 भाजपा के साथ मुख्यमंत्री बनकर नहीं रह गए हैं। नरेंद्र मोदी ने भी नीतीश कुमार को अपने साथ लेकर बहुत मंहगा सौदा किया है।
कैप्शन; हरियाणा जिंदा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुनने पहुंची आवाम- सोशल मीडिया
सुशील मोदी की दो महीने पहले की टिप्पणी भी गौर करने लायक है:
मैं उनके साथ (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार)एक अर्से तक काम किया हूं। लगता नीतीश बाबू किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। खास तौर पर महिलाओं के बारे में परिवार नियोजन को लेकर विधानसभा में जो कुछ उन्होंने कहा था। इससे पहले जीतन राम मांझी के विषय उन्होंने जो कुछ कहा था।
विशेष टिप्पणी:
अभिषेक कुमार:17और22में पाला बदलने का वाजिब कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास था। इस बार पाला बदलने का कोई भी वाजिब कारण नहीं था।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री पद इंडिया गठबंधन देने की घोषणा कर देता है तो 2024की लड़ाई पलटती हुई दिख सकती है।
कैप्शन : सोशल मीडिया पर देश की राजनीति पर विमर्श करते वरिष्ठ पत्रकार….
पश्चिम बंगाल में 29जनवरी को राहुल गांधी: हिंसा और नफ़रत से क्या किसी को कोई फायदा होता है: भीड़ का जवाब… नहीं
अरविन्द केजरीवाल 29जनवरी को जिंद हरियाणा में कहते हैं:
तुम तो करोगे नहीं। जो करेगा उसे जेल भेज दोगे।हमारी पांच मांगें पूरी कर दो। हम राजनीति छोड़ देंगे। इसमें मुख्य मांग थी मंहगाई कम करना ।बेरोज़गारी कम करना। शिक्षा का सामान अवसर उपलब्ध करना।गरीबों को मुफ्त बिजली देना। 24घंटे बिजली देना । मोहल्ला क्लीनिक पूरे देश में खोलना। एक पत्रकार ने कहा:राहुल गांधी का निडर रूप भाजपा के लिए खतरा बनता जा रहा है।मीडिया का एक धड़ा चाहता है: विपक्ष मजबूत ना हो। सुमन भट्टाचार्य: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर इलेक्शन लड़ेंगे। ममता बनर्जी इस गठबंधन में शामिल नहीं होंगी।

















