वीरेंद्र चौहान नजरिया न्यूज ब्यूरो, 09 अगस्त ।
जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशाशन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा राही है । जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर विशेष मुहिम को ज्यादा कारगर व असरदार माना जा रहा है। मातृ-शिशु सेवाओं की बेहतरी को लेकर जिले में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया करने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। इसीलिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लगातार स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया जा रहा तथा नियमित रूप से सभी स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण भी जिलाधिकारी स्वयं कर रहे है। जिलापदाधिकारी वेश्म में जिलाधिकारी श्री तुषार सिंगला की अध्यक्षता में स्वास्थ्य योजनाओं की सफलता की रणनीति ड्यू लिस्ट पर चर्चा, परिवार नियोजन पखवाड़ा से जुड़ी उपलब्धियों की समीक्षा, अनमोल एप के सफल क्रियान्वयन के साथ चिकित्सा इकाइयों में साफ-सफाई के बेहतर प्रबंधन की गहन समीक्षा की गयी।स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में महामारी के दौर में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। उन्होंने कहा सभी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पताल में साफ- सफाई, लाइट एवं शुद्ध भोजन की व्यवस्था करना सर्वोपरि है। इस कार्य में कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। कार्य में असंतोष पाए जाने पर आउटसोर्सिंग एजेंसी पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। इस क्रम में सबसे अधिक जोड़ नियमित टीकाकरण पर रहा वही टेली कंस्लटेशन, स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी सेवाओं का संचालन, एनसीडी कार्यक्रम ,गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, सुरक्षित प्रसव, टीबी मुक्त भारत अभियान सहित, ठाकुरगंज प्रखंड में होने वाले सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम की सफलता के लिये जरूरी तैयारियों के साथ, सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सहित सभी कार्यक्रमों पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। बैठक में कुंदन कुमार सिंह, ज़िला जनसंपर्क पदाधिकारी, अजमल खुर्सीद , नजारत उप समाहर्ता, सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार , सीडीओ डॉ मंजर आलम,डीआईओ डॉ देवेन्द्र कुमार , सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, ,प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।
सभी स्वास्थ्य संस्थानों में सुनिश्चित करायें निर्धारित रोस्टर का अनुपालन-
जिलाधिकरी के द्वारा सिविल सर्जन एवं जिला स्तरीय पदाधिकारी को लगातार क्षेत्र भ्रमण के दौरान विभिन्न अस्पतालों के संचालन से जुड़ी खामियों को इंगित करते हुए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसमें सुधार को लेकर कड़े निर्देश देने का निर्देश दिया गया है । उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में निर्धारित रोस्टर का अनुपालन सख्तीपूर्वक सुनिश्चित करायी जाये। वेलनेस सेंटर पर ओपीडी सेवाओं को ज्यादा कारगर व प्रभावी बनाया जाए । उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निवर्हन नहीं करने वाले चिकित्सक व कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ।
सभी स्वास्थ्य कर्मियों को शत—प्रतिशत कार्य करने की जरूरत :
जिला पदाधिकारी ने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को और अधिक मेहनत से काम करने की जरूरत है। सभी अस्पताल में होने वाले सुविधाओं की सभी डेटा एंट्री ठीक से होना चाहिए क्योंकि भारत सरकार द्वारा सभी रिपोर्ट ऑनलाइन के माध्यम से नियमित विश्लेषण किया जाता है। इसलिए इसमें कोई कमी नहीं होना चाहिए। अगर किसी अस्पताल में कोई समस्या है तो इसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें और समय से इसका निकरण करें। उसी अनुसार अस्पताल के कार्यों का समीक्षा होता है और अस्पताल को रैंकिंग मिलता है। ज्यादा अच्छा रिपोर्ट होने पर संबंधित अस्पताल को प्रमाणपत्र और सहयोगी राशि प्रदान किया जाता है।
जिला स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारी नियमित रूप से प्रखंड में चल रहे स्वास्थ्य योजनाओ का अनुश्रवन करे
जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने समीक्षा बैठक में सभी स्वास्थ्य अधिकारियो को निर्देश दिया कि जिला स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारी नियमित रूप से प्रखंड में चल रहे स्वास्थ्य योजनाओ का अनुश्रवन करना सुनिश्चित करेंगे , जिला के डीसीएम् एवं डीडीए प्रतिदिन आशा फैसिलिटेटर से संवाद कर नियमित रूप से प्रतिवेदन प्राप्त करेंगे , वही सप्ताह में एक दिन सिविल सर्जन के द्वारा ज़ूम कॉल के माध्यम से सभी आशा के साथ संवाद स्थापित करेंगे , वही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निर्मित जन आरोग्य समिति का गठन कर प्रत्येक माह बैठक करना सुनिश्चित करेंगे , वही पंचायत स्तर पर निर्मित ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के अंतर्गत निगरानी समिति का गठन कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों का अनुश्रवन का निर्देश दिया गया है |गर्भवती माता की उम्रवार सूचि बनाकर लाभ प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे |प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्सा पदाधिकारियों, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं को टीकाकरण के बाद उसका फॉलोअप निरंतर रूप से करना सुनिश्चित करें। जिसके लिए आरोग्य दिवस के दिन गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं के अलावा अभिभावकों को परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी देने की आवश्यकता है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी की सभी तरह की सुविधाएं मिल रही हैं।विद्यालयों में विशेष रूप से आयोजन कर आईएफए की गोली खिला कर एनीमिया मुक्त भारत अभियान को गति देने के लिए सबसे अहम भूमिका निभाई जा सकती है।वही देश में बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए कोविड जांच को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।