संदीप सिंह वत्स, नजरिया न्यूज, नई दिल्ली, 31मार्च।
‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ के नाम से हुई 31मार्च की रैली में न सिर्फ़ तमिलनाडु से लेकर कश्मीर और महाराष्ट्र तक के राजनीतिक दल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के विरोध में एकजुट दिखे बल्कि कार्यक्रम शुरु होने तक रामलीला मैदान खचाखच भर गया था।
दिल्ली में विपक्षी एकजटुता का ये कार्यक्रम ठीक उसी दिन हुआ जिस दिन प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से बीजेपी का चुनावी शंखनाद किया।
मल्लिकार्जुन खड़ने ने अपनी स्पीच में बीजेपी और आरएसएस को ज़हर के समान बताया और लोगों से उन्होंने कहा कि इसे चाटकर टेस्ट करने की कोशिश भी न करें क्योंकि वो भी जानलेवा हो सकता है।
राहुल गांधी के बाद वो उन चंद बड़े कांग्रेसी नेताओं में होंगे जिसने सीधे तौर पर आरएसएस का नाम इस रूप में लिया है।
फ़ोटो कैप्शन : इंडिया रैली रामलीला मैदान का मंच, गले मिलतीं ईडी के कथित आरोप में गिरफ्तार मुख्यमंत्री केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल व कथित आरोप में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गले मिलते हुए-नजरिया न्यूज
अगर नरेंद्र मोदी सरकार को ये लगा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कथित शराब घोटाले में गिरफ्तारी विपक्ष पर दबाव बना पाएगी तो वो असर रविवार को रामलीला मैदान में हुई रैली में नहीं दिखा।
‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ के नाम से हुई इस रैली में न सिर्फ़ तमिलनाडु से लेकर कश्मीर और महाराष्ट्र तक के राजनीतिक दल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के विरोध में एकजुट दिखे बल्कि कार्यक्रम शुरु होने तक रामलीला मैदान खचाखच भर गया था।