- पंचायत राज मंत्रालय का सिस्टम भी अपने दायित्वों के प्रति उदासीन-कार्यों और मजदूरों की स्थिति बेहद दयनीय- क्योंकि सभी को पता है: मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं जाएगा..
- 53लाख से अधिक रुपये पांच वर्षों में ग्राम पंचायत अमावाखुर्द के मजदूरों के नाम पर किया व्यय-चालू वित्तीय वर्ष में रोजगार मांगने वालों की संख्या रही सर्वाधिक -मनरेगा से 23लाख से अधिक रुपये का किया गया भुगतान
- प्रदेश में अकुशल श्रमिक को प्रति महीना 10,275 रुपये व प्रतिदिन 395 रुपये प्रदेश सरकार ने कर रखा है तय
- पांच वर्षों में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं ग्राम पंचायत ने 1.16करोड़ रुपये से अधिक रुषये किया व्यय
- पांच वर्षों में मनरेगा से लगभग 53लाख व अन्य योजनाओं से लगभग 63लाख रुपये ग्राम पंचायत अमावाखुर्द ने किया व्यय
अनिल उपाध्याय, पूर्वांचल ब्यूरो, नजरिया न्यूज, 12मार्च।
किसानों के खेत में काम करने के लिए जौनपुर जिले में 300रुपये में खोजने पर भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं, लेकिन विकास खंड सूइथाकला अंतर्गत ग्राम पंचायत अमावाखुर्द में 220रुपये में मजदूर काम कर रहे हैं। ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड इसका साक्षी है।
लोकसभा चुनाव 2019 से लोकसभा चुनाव 2024 तक ग्राम पंचायत अमावाखुर्द को सरकार ने भारी-भरकम राशि उपलब्ध कराई है।
मनरेगा की मजदूरी दर 220 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करते हुए 53लाख रुपये का मास्टररोल तैयार कराया गया। मजदूरों का कहना है कि ग्राम पंचायत की रिपोर्ट फ़र्ज़ी है। मनरेगा के रुपये की बंदरबांट होती है। मनरेगा द्वारा निर्धारित मजदूरी दर पर काम करने के लिए मजदूर ग्राम पंचायत अमावाखुर्द में नहीं मिलेंगे । सुनिश्चित मजदूरों के खाते में बिना काम किए मजदूरी ग्राम पंचायत द्वारा भेजी जाती है। मनरेगा का रुपये मजदूरों के खाते में आने के बाद दलाल और मजदूरों में मनरेगा के रुपये की बंदरबांट होती है। फिलहाल, सत्य क्या है, रह जानकारी उच्च स्तरीय जांच से ही संभव है।
*अमावाखुर्द में व्यय रुपयों की स्थिति:*
चालू वित्तीय वर्ष 2023-24में जौनपुर जिले में विकास खंड सुइथाकलां की ग्राम पंचायत अमावाखुर्द ने मनरेगा मद से 23लाख, 31हजार, 50रुपये का भुगतान मजदूरों के खाते में किया है।
मनरेगा से इतर अन्य योजनाओं के सापेक्ष 13लाख 57हजार, 905रुपये अमावाखुर्द ग्राम पंचायत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त किया। उसमे 11लाख, 49 हजार 983रुपये व्यय किया।
*वित्तीय वर्ष 2022-23;*
ग्राम पंचायत अमावाखुर्द ने मनरेगा मद से मजदूरों को 12 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया है। इसके अलावा अन्य योजनाओं में 17लाख, 50हजार,676रुपये प्राप्त किया और 10लाख,41हजार 236रुपये व्यय किया।
*=वित्तीय वर्ष 2021-22:*
वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायत अमावाखुर्द ने मनरेगा से
13लाख, 70हजार, 512रुपये का भुगतान किया है। अन्य योजनाओं में 12लाख,17हजार 526रुपये प्राप्त किया ।आठ लाख, 97हजार, 74 रुपये व्यय किया।
*==वित्तीय वर्ष 2020-21 :*
अमावाखुर्द ग्राम पंचायत ने मनरेगा मद से मजदूरों के खाते में तीन लाख, 96 हजार, 171रुपये का भुगतान किया है। अन्य योजनाओं में नौ लाख ,25हजार 93रुपये प्राप्त किया आठ लाख 98हजार387रुपये व्यय किया।
= *वित्तीय वर्ष 2019-20:*
वित्तीय वर्ष 2019-20में ग्राम पंचायत अमावाखुर्द ने मनरेगा मद से चार लाख, 80हजार, 760रुपये मजदूरों के खाते में भुगतान किया है। अन्य योजना मद से 12लाख,28हजार 994 रुपये अमावाखुर्द ग्राम पंचायत ने प्राप्त किया और आठ लाख,80हजार,699रुपये व्यय किया।
*बुद्धिजीवियों की टिप्पणी:*
ऊपर से नीचे तक एक जैसी स्थिति है। मजदूरों के खाते में या काम करने वाले के खाते में रुपये ग्राम पंचायत भेजेगी। रुपये प्राप्त करने वाले को तय रुपये सिस्टम को भुगतान करने पड़ेंगे। ऐसा नहीं करने वाले मजदूर या एजेंसी के दरवाजे को ईडी और सीबीआई से अधिक ताकतवर सिस्टम दस्तक देगा।
पंचायत राज मंत्रालय का सिस्टम भी अपने दायित्वों के प्रति उदासीन है। कार्यों और मजदूरों की स्थिति बेहद दयनीय है। सभी को पता है, ग्राम पंचायत का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में नहीं जाने वाला है।