- भाजपा की अभूतपूर्व किलेबंदी ने सपा और कांग्रेस को एकजुट होने की प्रदान की सूझबूझ
- -उत्तर प्रदेश में विपक्ष ऐसा था कि मुंह से एक बात ही निकलती है कि चुनाव जीतना है, लेकिन कैसे का उत्तर था नदारद
- राहुल गांधी की संवाद करने की शैली और 73प्रतिशत की परेशानी ने सपा और कांग्रेस के मुखिया को 21फरवरी को एक कर दिया …
- -63सीट पर सपा और 17सीट पर कांग्रेस पार्टी लड़ेंगी चुनाव
अनिल उपाध्याय, नजरिया न्यूज, पूर्वांचल ब्यूरो, 22फरवरी।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे ।” 20फरवरी से सोशल मीडिया पर इस आशय की खबर चल रही थी। इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस की नाराज़गी आज दिन के पांच बजे दूर हुई। सीट शेयरिंग पर समझौता हो गया था। 63 सीट पर सपा और 17सीट पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेंगी।
इंडिया गठबंधन में यह खबर हल्की बिजली की चमक जैसी है। सोशल मीडिया इसे इंडिया गठबंधन के लिए उम्मीद की बारिश बता रही है और अंधेरा टल जाने का एनालिसिस कर रही है। सोशल मीडिया, मेन मीडिया की आवाज को मेंढ़कों की आवाज बता रही है। क्योंकि मेन मीडिया एनडीए में सीट शेयरिंग पर की पेंच पर चुप्पी साध रखी है
इतना ही नहीं, मेन मीडिया की आवाज में सपा और कांग्रेस गठबंधन में अंधेरा इतना गहरा था कि दूर- दूर तक विकराल अंधेरा ही नजर आ रहा था।
वहीं, सोशल मीडिया में मेन मीडिया से इतर खेत में फसल बड़ी होती दिख रही थी। लेकिन, फसल चर जाने की आवाज भी आती सुनाई पड़ रही थी।
राहुल गांधी के अलावा कोई दूसरी आवाज आती नहीं दिख रही थी। फिर भी राहुल गांधी का जोश बढ़ता ही जा रहा था ।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की ललकार अंधेरे में आग की लपटों की तरह उजाला का सहारा विपक्ष की एकजुटता के लिए रोशनी बनी।
इंडिया गठबंधन के समर्थकों के लहलहाते सपनों की रखवाली करने की जिम्मेवारी राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने17और 63की सीट शेयरिंग के साथ उठा ही लिया।
राजनीति में चुनाव के दौरान मुद्दों के सपनों की रखवाली हमेशा चुनौती पेश करती रही है। अंग्रेजों के जमाने में भी और देश आजाद होने के बाद भी।
आवाम के सपनों की रखवाली करने वालों की लंबी फेहरिस्त है। सोशल मीडिया पर बुद्धिजीवी ऐसे योगदानों को याद करते हुए कहते हैं:
किसानों का मुद्दा है। उसके साथ राहुल गांधी खड़े हो गए हैं। भारत सोने की खान है। खान की रखवाली और देश के सभी नागरिकों को उचित मेहनताना देने का वादा इंडिया गठबंधन कर रही है। सरकारी नौकरी के लिए युवाओं की परीक्षा दर परीक्षा लेने का विकल्प देने की बात इंडिया गठबंधन कर रही है। नौजवानों को दम दिखाने और उस दम की देखरेख करने की जिम्मेवारी राहुल गांधी ले रहे हैं। इसका इंपैक्ट इंडिया गठबंधन को एकजुट कर रहा है।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का पशोपेश खत्म हो चुका है। इंडिया गठबंधन में देश के चार भविष्य बिहार से तेजस्वी प्रताप यादव, उतर प्रदेश से अखिलेश यादव, दिल्ली से अरविंद केजरीवाल और देश की तरफ से राहुल गांधी अब एक साथ लोकसभा चुनाव 2024में दिखेंगे।
*मुंशी प्रेमचंद की कहानी, ”अंधेर”- का एक अंश और लोकसभा चुनाव 2024में सामानता* :
रात के दस बजे का समय था, हल्की बिजली चमक रही थी, बारिश पड़ रही थी और पूरी तरह अंधेरा था। सिर्फ वहां अब मेंढ़कों की ही आवाज आ रही थी। अंधेरा इतना गहरा था कि साठे की झोपड़ियां भी नजर नहीं आ रहीं थीं। गांव से थोड़ी दूरी पर खेत थे, जहां फसल लहलहा रहे थे। वहां जंगली जानवरों की आवाज ही आती थीं। इसके अलावा, वो डंडा हाथ में लेकर इधर-उधर देख रहा था। तभी उसके सिर पर किसी ने जोर से लाठी मार दी। वो नीचे गिरा और रातभर वहीं बेहोश पड़ा रहा। बेहोशी की हालत में भी उसपर कई बार वार किए गए। उस पर वार करने वालों को लगा कि वो मर गया है, लेकिन ऐसा नहीं था। हमला करने वाले पाठे के लोग थे, जिन्होंंने अंधेरे में अपनी हार का इस तरह से बदला लिया था। …
गोपल न तो पढ़ा-लिखा था और न ही तेज दिमाग वाला। बस उसका शरीर छह फुट का था और आवाज काफी भारी। मन से ऐसा निडर कि शेर की दहाड़ से भी न डरे। आज वो चोट खाए हुए अपने घर के बिस्तर में लेटा हुआ था।.. .
रात को हुई इस तरह की वारदात की वजह से गांव में पुलिस पहुंच गई। गांव में पुलिस को देखकर कुछ लोग डर गए, तो कुछ रोने-धोने लगे। गोपाल ने अपने साथ जो भी हुआ उसकी रिपोर्ट भी नहीं लिखाई थी।…
दरोगा ऐसा था कि बिना गाली के उसके मुंह से एक बात भी नहीं निकलती थी। वो मुखिया से सवाल जवाब करने लगा।
मुखिया ने दरोगा से कहा, “मुझे माफी दे दीजिए।”
दरोगा ने पूछा कि अगर मुझे इसी तरह से तुम्हें माफ करना होता, तो मैं यहां क्यों आता?…
मुखिया चुपचाप गोपाल की पत्नी गौरा के पास पहुंचा। उसने कहा कि यह पुलिस वाला काफी बेकार है। पैसों के बिना बात ही नहीं करता था। उसे पचास रुपये चाहिए। मैंने उसे बहुत मनाने की कोशिश की, लेकिन वो किसी की एक नहीं सुनता।
गौरा ने मुखिया से कहा कि पैसे की क्या बात है। बस हमारे पति की जान बच जाए। जान से बढ़कर और कुछ नहीं होता। आज के लिए ही तो कमाया था ।…
गोपाल इन सभी बातों को खाट पर लेटे-लेटे सुन रहा था। उसने कहा कि जब किसी ने कोई गलती ही नहीं की, तो पचास रुपये क्यों देना। उसे एक पैसा भी नहीं दिया जाना चाहिए।
ये बात सुनकर मुखिया का चेहरा पीला पड़ गया। वो बोले, “धीरे कहो इन बातों को। अगर दरोगा ने सुन लिया, तो परेशानी बढ़ जाएगी।”
गोपाल ने जवाब दिया, “एक कौड़ी उसे नहीं दी जाएगी। देखता हूं कि मेरी बातें सुनकर कौन मुझे फांसी पर चढ़ाता है।”
तभी गौरा ने मजाक में कहा कि ठीक है, आपसे मैं पैसे मांगू तो बिल्कुल भी मत देना। इतना कहने के बाद गौरा अंदर गई और एक पोटली में पैसे लेकर आई। फिर मुखिया को पैसा दे दिया। यह सब देखकर गोपाल को बहुत गुस्सा आया और मुखिया पैसे लेकर तुरंत भाग गया।…
दरअसल,मुंशी प्रेमचंद की ”अंधेर” कहानी दो गांवों की पुश्तैनी रंजिश की कहानी है। जिसमें गोपाल की हत्या करने की कोशिश की जाती है।
हत्या करने की कोशिश करने वाला ही प्राथमिकी दर्ज कराता है। मामले की जांच करने के लिए लाठी से घायल गोपाल के घर दारोगा पहुंचते हैं।
गांव का मुखिया घायल गोपाल की पत्नी से दारोगा को घूस देने के लिए रुपये की मांग करता है।
*निष्कर्ष है:*
लोकसभा चुनाव 2024 में
घायल गोपाल और दारोगा से बातचीत दलाल नहीं करने देगा। वोट लेकर मुखिया चंपत हो जाएगा।लाठी से घायल मरणासन्न गोपाल की पत्नी गौरा को ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। गौरा को अपने पति गोपाल को मरणासन्न करने वाली पार्टी का डटकर मुकाबला करना चाहिए।
*कोट:*
ममता बनर्जी ने कहा:वे अकेले इलेक्शन लड़ेंगी, लेकिन इंडिया गठबंधन के साथ रहेंगी। उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस में सीट शेयरिंग हो गई है।
*आनंद वर्धन सिंह, संस्थापक संपादक, पब्लिक इंडिया*
*कोट:*
किसान आपदा झेलने के आदी हैं। आक्रमण झेलने का सबसे लंबा इतिहास पंजाब से जुड़ा है। भाजपा का इतिहास सिखों को हमेशा सम्मान देने का रहा है।देश में वन-वे ट्राफिक है। अखिलेश यादव ने गठबंधन की घोषणा कर दी है। यह अच्छी बात है।
*अशोक वानखेड़े टाइगर, वरिष्ठ पत्रकार*
*कोट:*
कांग्रेस और सपा में सीट शेयरिंग को लेकर समझौता हो चुका है। मध्य प्रदेश में भी समझौता जल्द होगा। कांग्रेस और सपा में दरार की अफवाहें की दिनों से फैलाई जा रही थी। 17सीट पर कांग्रेस और 63सीट पर सपा चुनाव लड़ेंगी।