दुर्केश सिंह, नजरिया न्यूज ब्यूरो संपादकीय प्रभारी।
30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अदालत का रुख़ किया था।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने धांधली की और संख्या बल ना होने के बावजूद भी बीजेपी की जीत का एलान किया।
यह तथ्य है कि संख्या बल आप और कांग्रेस के पक्ष में था लेकिन उनके आठ वोट अमान्य करार दिए गए थे. अमान्य करार दिए जाने को ही आप और कांग्रेस ने धांधली बताया है।
राहुल गांधी, एक्स राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का रुख़ किया था, जहाँ से राहत ना मिलने पर वो सुप्रीम कोर्ट पहुँचे थे।
सोमवार 05फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सख़्त टिप्पणी की है।
चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड ने कहा:
यह लोकतंत्र का मज़ाक है। जो हुआ, हम उससे हैरान हैं। हम लोकतंत्र की इस तरह से हत्या नहीं होने दे सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव करवाने वाले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को भी कड़ी फटकार लगाई।
*सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश वाद में तथ्य:*
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में धांधली मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को भी नोटिस जारी किया है।
चुनाव के दिन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
चुनाव प्रक्रिया के दौरान के जो वीडियो सामने आए थे, उनमें देखा जा सकता है कि पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते या कुछ लिखते हुए दिख रहे हैं।
विपक्षी दलों का आरोप है कि पीठासीन अधिकारी ने ही मतपत्रों पर निशान बनाए, जिन्हें बाद में आमान्य क़रार दिया गया।
इन मतपत्रों को आमान्य क़रार दिए जाने की वजह के बारे में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुछ नहीं बताया गया था।
*वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा:*
वीडियो रिकॉर्डिंग्स और मतपत्रों को सरंक्षित रखा जाए।
डीवाई चंद्रचूड़ ने वीडियो देखने के बाद पीठासीन अधिकारी के बारे में कहा, ”ये साफ़ है कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ हुई है। क्या इस तरह से चुनाव करवाए जाते हैं? इस आदमी पर मुक़दमा चलना चाहिए। ये कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं और फिर किसी भगोड़े की तरह भाग क्यों रहे हैं?
प्रियंका गांधी, एक्स प्रभारी कांग्रेस पार्टी, उतर प्रदेश।
चंद्रचूड़ ने कहा, ”पीठासीन अधिकारी मतपत्र में बदलाव करते दिखे हैं। क्या ये एक रिटर्निंग ऑफिसर का बर्ताव होना चाहिए? वो कैमरे की ओर देखते हैं और मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करते हैं। जिस मतपत्र के नीचे क्रॉस का निशान बना हुआ है, उसे ये ट्रे में रख देते हैं। जिस मतपत्र के ऊपर क्रॉस बना हुआ है, उसे ये बिगाड़ देते हैं और फिर कैमरे की ओर देखते हैं।इनसे बताइए कि सुप्रीम कोर्ट इन्हें देख रहा है। हम लोकतंत्र की ऐसे हत्या नहीं होने देंगे। देश में स्थिरता लाने की सबसे अहम शक्ति चुनाव प्रक्रिया की शुचिता है।
इस मामले की सुनवाई कर रही बेंच में चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी पर्दीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा हैं।
सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार की ओर से दाखिल की गई है।
*हाईकोर्ट ने नहीं दी थी राहत* :
सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी से 19 फ़रवरी की सुनवाई में पेश होकर अपने बर्ताव के बारे में बताने के लिए कहा है।
पीठासीन अधिकारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोलिस्टर जनरल तुषार मेहता पेश हुए हैं।
कोर्ट ने सात फरवरी को चंडीगढ़ नगर निगम की होने वाली बैठक पर भी रोक लगाई है।इस दिन बजट भी पेश किया जाना है।
30 जनवरी को जब चुनाव नतीजे आए तो आप और कांग्रेस ने हाईकोर्ट का रुख़ किया था।
मगर हाईकोर्ट ने राहत देने से इंकार किया था।हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन समेत संबंधित अधिकारियों से तीन हफ़्ते में जवाब दाखिल करने को कहा था।
हाईकोर्ट ने आप और कांग्रेस के फिर से चुनाव करवाने की मांग को भी ख़ारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव की प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज़ों और वीडियो को हाईकोर्ट में जमा करवाने के लिए कहा है।
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में ये लगता है कि चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए एक अंतरिम आदेश दिया जाना था, जिसे देने में हाई कोर्ट विफल रहा है।
फोटो परिचय : पत्रकार दीपक शर्मा और अशोक वानखेड़े टाइगर
*पत्रकार दीपक शर्मा की समीक्षा:*
दोस्तों? क्या मोदी जी के राज में चुनाव प्रक्रिया में बेईमानी हो रही है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में खुलेआम बेईमानी हुई।यह जो बेइमानी है, डबल इंजन की सरकार की नाक के नीचे हुई है। चंडीगढ़ में आईएएस आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। चंडीगढ़ यूनियन टएरआटएरई है। यहां का मालिक मुख्तार दिल्ली दरबार है। गृह मंत्रालय है। राहुल गांधी और केजरीवाल को हरा ही देना है, भले ही उनके पास बहुमत हो।
क्या यह चुनाव 2024के चुनाव का ट्रेलर है। क्या जबरदस्ती हराने का खेल किया जा सकता है।डबल इंजन की सरकार वाले इलाके में विपक्ष के उम्मीदवार को सतर्क रहना पड़ेगा। हाई कोर्ट ने स्टे क्यों नहीं दिया? सूप्रिम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का जमीर खुलेआम धांधली देखकर जाग गया है…!
*वोट का असली खेल क्याफाइनल में होगा?:* इस सवाल पर पत्रकार अशोक वानखेडे की टिप्पणी:* दो सौ सीट लोकसभा में आने के बाद भी प्रधानमंत्री लोकसभा में शपथ लेंगे!हाउस को दो-चार साल फेस ही नहीं करेंगे तो क्या कर लोगे! यहां भाजपा का बहुत बड़ा षड्यंत्र था, वह आपको हम बताएंगे। आम आदमी पार्टी को मतदान के लिए भी हाईकोर्ट जाना पड़ा था। मतदान के दिन पीठासीन पदाधिकारी के पीठ में दर्द है जाता है।
*सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर राजनीतिक बयानबाज़ी:*
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बीजेपी को निशाने पर लिया।
प्रियंका गांधी ने लिखा, “यह टिप्पणी दिखाती है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में किस तरह लोकतंत्र की हत्या की गई। बीजेपी जनता की आवाज़ दबाने के लिए लोकतंत्र को कुचल रही है। यह अब देश की जनता के सामने है। जनता ही इसका उचित जवाब देगी।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ मिलकर लड़ी थीं। इसके तहत मेयर पद पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और डिप्टी मेयर के दो पदों पर कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में थे।
चुनाव से पहले ही ये दोनों दल इसे इंडिया गठबंधन का पहला चुनावी मुक़ाबला बता रहे थे।
चुनाव नतीजे बीजेपी के पक्ष में आने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान समेत कई कांग्रेस नेताओं ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था।
राहुल गांधी ने 30 जनवरी को ट्वीट किया था:
जो बीजेपी मेयर चुनाव में पूरी दुनिया के सामने लोकतंत्र की हत्या कर सकती है, वो दिल्ली की सत्ता में बने रहने के लिए क्या करेगी यह कल्पना से परे है। वर्षों पहले आज ही के दिन गोडसे ने गांधी जी की हत्या की थी और आज ही गोडसेवादियों ने उनके आदर्शों और संवैधानिक मूल्यों की बलि चढ़ा दी।
*बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन चुनाव के नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर पार्टी को बधाई देते हुए लिखा था:*
बीजेपी की चंडीगढ़ यूनिट को मेयरल चुनाव जीतने के लिए बधाई। पीएम मोदी के नेतृत्व में चंडीगढ़ में रिकॉर्ड विकास हुआ है। इंडिया गठबंधन ने अपनी लड़ाई लड़ी और फिर भी बीजेपी से हार गई।ये दिखाता है कि उनकी अंकगणित और कैमेस्ट्री काम नहीं कर रही है।

















