नज़रिया न्यूज अररिया।
काशी के तर्ज पर चार वर्ष पूर्व जिला मुख्यालय में प्रारंभ हुई देव दीपावली पर महाआरती में शुक्रवार की संध्या 9 बजे दीपों की कतारों से जगमग परमान नदी के त्रिसूलिया घाट की छटा देखते ही बन रही थी। परमान नदी के स्थिर जल में दिख रही दीपों की रोशनी के इस अलौकिक व अद्भुत नजारे को नजरों में कैद करने को लेकर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। छटा कुछ इस कदर बिखर रही थी। मानों कतारबद्ध दीपों से बनी धरा की इस आभा को देख आसमां के तारे भी जैसे सकुचा रहे हों, तीन वर्ष की तरह इस वर्ष भी अररिया में देव दीपावली उमंग व उत्साह के साथ मनायी गयी। दीपों के जलते ही ऐसी अनुपम छटा दिखाई दी, मानों आसमान से झिलमिलाते सितारे जमीं पर उतर आये हों, इस दौरान परमान नदी के त्रिसूलिया घाट तट पर पूरे विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ देव दीपावली मनाई गई। विश्व हिंदू परिषद जिला इकाई द्वारा आयोजित महाआरती में पांच हजार 51 दीप जलायी गई व बनारस से आये 05 पुरोहित द्वारा अलग-अलग मंच पर महादीप से एक साथ पूरे मंत्रोचार उच्चारण के साथ महाआरती आयोजित की गई।
आयोजनकर्त्ता ने बताया कि अररिया मुख्यालय में देव दीपावली का यह कार्यक्रम गत चार वर्ष से आयोजित की जा रही है। जिसमें समस्त सनातनी धर्म प्रेमी का काफी सहयोग रहता है।बनारस से पहुंचे 05 पंडितों द्वारा महाआरती संपन्न करायी गई। फूलों व रंग-बिरंगी गुलाल से बनी स्वास्तिक, जय श्री राम, ॐ की आकृति में जलते इन दीपों से जगमगाता परमान नदी का त्रिसूलिया घाट बेहद खूबसूरत व भव्य नजारा लग रहा था।
– शंखनाद के साथ हुई महाआरती की शुरुआत
करीब 01 घंटे तक चली महाआरती की शुरुआत शंखनाद से हुई. वहीं बनारस से आये पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देव दीपावली की पूजा की, इधर परिषद के सदस्यों की ओर से पूरे विधि-विधान के साथ परमान नदी की महाआरती की गयी।वातावरण में गूंजते वैदिक मंत्रोच्चार में हाथों की थाप व प्रज्वलित दीपों के बीच परमान नदी तट पर मौजूद सभी लोग आस्था के सागर में सराबोर नजर आये। देव दीपावली के दर्शन के लिए पूरा त्रिसूलिया घाट भगवा पताकों व रंग-बिरंगे लाइटों से सजाया गया था। साथ ही जय श्रीराम व हर हर महादेव से परमान नदी का त्रिसूलिया घाट पूरा गुंजायमान रहा, महिलाओं-बच्चों व श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी था। परमान नदी पर बने बड़े पुल पर भी सैकड़ों महिला पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। आगंतुक भक्तों के लिए विहिप की ओर से बैठने की विशेष व्यवस्था की गई थी। हर तबके के कई लोगों ने दीप जलाये व पूजा-अर्चना की, पुष्प-पताकों से सजी 05 चौकियां व उस पर अलग-अलग महाआरती का दीप लिए बनारस के पुरोहित आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए थे। बनारस से आये पांचों पुरोहितों सहित विहिप व श्रद्धालु सभी महाआरती में लीन दिखे।