- सुल्तानपुर जिले के कादीपुर तहसील के ग्राम पंचायत पाकरपुर में गोमती नदी की उपधारा में स्थित कब्रिस्तान को चकबंदी योग्य जोत में किया गया शामिल
- मीडिया में यह खबर प्रकाशित होते ही मौके का मुआयना एसडीएम कादीपुर ने किया
- पाकरपुर ग्राम पंचायत में एक काश्तकार की भूमि चकबंदी लेखपाल ने 84एयर कम कर दिया
- लेखपाल ने तुरंत गलती मानी और सीओ के न्यायालय में आवेदन देने का सुझाव दिया
- ग्राम पंचायत पाकरपुर में 109 परिवारों का घर-द्वार चकबंदी योग्य भूमि घोषित करके मालियत लगा दी गई – गांव में डीडीसी ने लगाई चौपाल
अनिल उपाध्याय, नजरिया न्यूज ब्यूरो, पूर्वांचल, 20जुलाई।
भगवान और भ्रष्टाचार कण कण में व्याप्त है। दो करोड़ रुपये से अधिक रिश्वत ग्राम पंचायत पाकरपुर में चकबंदी विभाग कराने के लिए काश्तकारों ने दलालों को दिया है। रिश्वत की कितनी राशि अधिकारियों तक पहुंची। इसका कोई रिकार्ड मीडिया के पास नहीं है।
लेकिन रिश्वत देने वाले काश्तकारों का कार्य प्राथमिकता के तौर पर हुआ है। उदाहरण 01:
चकबंदी अधिनियम की धारा 9कहती है: गाटा में अगर कब्रिस्तान है। सर्वे टीम को वहां कब्रिस्तान दर्ज करना होगा।
वहीं ग्राम पंचायत पाकरपुर में काश्तकार से चकबंदी विभाग की सर्वे टीम एक लाख रुपये रिश्वत लेकर कृषि आयोग्य और गोमती नदी की उपधारा पर मालियत लगा दी। सदियों से बंजर पड़ी गोमती नदी की उक्त उपधारा में स्थित काबिस्तान पर भी मालियत लगा गई। खसरा और मौका देखकर सर्वे टीम अपना काम करती तो गोमती नदी की उपधारा और कब्रिस्तान बचा रहता है।
जानवरों ने बताया कि कब्रिस्तान भूमि पर चक की नापी जून 2024में होती है। यह जानकारी वाया मीडिया डीएम सु्लतानपुर को होती है।
ग्राम पंचायत पाकरपुर में स्थित कब्रिस्तान को देखने के लिए एसडीएम कादीपुर मौके पर आते हैं।
फिलहाल प्रशासन द्वारा कब्रिस्तान को चकबंदी योग्य घोषित करने पर सर्वे टीम पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। कहा जा रहा कि कब्रिस्तान का ओनरशिप मांगा जा रहा है। अर्थात कब्रिस्तान स्थल पर अब खेती होगी। यह चकबंदी कानून का उल्लंघन है।
स्वाभाविक है कि चकबंदी अधिनियम की धारा 9 का उल्लंघन करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेखपाल से लेकर डीडीसी तक निलंबित किया हैं। वहीं पाकरपुर में चकबंदी अधिनियम का माखौल उड़ानें वाले अधिकारी के साथ वैसा कुछ भी नहीं हुआ। इसलिए चकबंदी विभाग के अधिकारी और गोमती नदी की उपधारा पर (नाला) पर मालियत लगवाने वाला काश्तकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दुआएं दे रहा होगा।
फिलहाल कब्रिस्तान देखने के लिए एसडीएम कादीपुर आए थे। इसलिए चकबंदी अधिनियम की धारा 9 के तहत मौके पर कब्रिस्तान दर्ज ही होगा। इसलिए कब्रिस्तान के पक्षकार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दुआएं दे रहे हैं। क्रमशः जारी…
कोट:
विवादित स्थलों का मैं स्वयं निरीक्षण करुंगा। मौके की स्थिति के अनुसार ही निर्णय होगा।
विनय सिंह, डीडीसी, सु्लतानपुर।