15 अगस्त 1947 से 26 जनवरी 1950 तक भारत का प्रभुत्व झंडा (National Flag Of The Dominion Of India) माना गया और 26जनवरी 1947को भारत गणराज्य (Republic of India) का राष्ट्रीय ध्वज माना गया।अनिल उपाध्याय/ डॉ.जरसिंह राजपूत। 75वें गणतंत्र दिवस की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं।ग्राम पंचायत पट्टी नरेंद्रपुर, ग्राम पंचायत उसरौली और नगर पंचायत गौराबादशाहपुर में झंडोत्तोलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मिष्ठान वितरण की तैयारियां की गई हैं। क्षेत्रवासिय़ों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए यह जानकारी पट्टी नरेंद्रपुर के ग्राम प्रधान श्री खुशियाल, ग्राम पंचायत उसरौली की ग्राम प्रधान श्रीमती फरजाना बेगम पति शहाबुद्दीन व गौराबादशाहपुर नगर पंचायत के वार्ड 06 गौरा दक्षिणी के सभासद सह सभासद संघ अध्यक्ष नगर पंचायत गौराबादशाहपुर मो.आशिफ ने दी।जानकारी के मुताबिक :
झंडोतोल्लन की सभी तैयारियां ग्राम पंचायत उसरौली , पट्टी नरेंद्रपुर और नगर पंचायत गौराबादशाहपुर में पूर्ण हो गई हैं। ग्राम पंचायत भवन, नगर पंचायत भवन, सभी स्कूलों सहित सरकारी कार्यालयों में गरिमा के साथ ध्वजारोहण आज किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रभातफेरी का भी आयोजन किया गया है। मिष्ठान वितरण के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होगा।
तिरंगे के रंगों का अर्थ :
तिरंगे में मौजूद केसरी रंग शक्ति और साहस का प्रतीक है। सफेद का अर्थ है शांति और सत्य। राष्ट्रीय ध्वज में मौजूद हरा रंग देश की प्रगति और भारतीय जमीन की उर्वरता का प्रतीक है।भारतीय ध्वज फहराने के लिए आचार संहिता:
तिरंगे को शिक्षण संस्थान जैसे स्कूल, कॉलेज, स्पोर्ट्स कैंप आदि पर फहराया जा सकता है। इसे फहराते समय राष्ट्रीय ध्वज के पूर्ण सम्मान के बारे में ध्यान रखना जरूरी है।
तिरंगे को सीधा लहराते समय केसरी रंग सबसे ऊपर आना चाहिए और आड़ा (horizontaly) लहराते समय केसरी रंग दाहिनी ओर से सबसे ऊपर की ओर होना चाहिए।
खुले में फहराते समय राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी मौसम में सूरज उगने से लेकर शाम को ढलने तक ही फहराया जा सकता है।
अगर तिरंगा फटा हुआ हो या किसी अन्य तरह से क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसे नहीं फहराया जा सकता।
किसी भी अन्य झंडे को तिरंगे से ऊंचा नहीं फहराया जा सकता।
हर हाल में इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि राष्ट्रीय ध्वज जमीन पर न गिरे या पानी को न छुए।