नज़रिया न्यूज़ (रूबी बिनीत), अररिया।
न्यायमण्डल अररिया के जिला व चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे-04) रवि कुमार की अदालत ने स्पीडी ट्रॉयल के तहत भूमि-विवाद में उत्पन्न मामले में हत्या करने का मामला प्रमाणित होने पर जिले के बैरगाछी थाना क्षेत्र के मानिकपुर वार्ड नंबर 09 के रहनेवाले 45 वर्षीय (माँ) नन्ही खातून पति अहमद हुसैन, 21 वर्षीय (पुत्र) मो मोनू आलम पिता अहमद हुसैन व 23 वर्षीय (पुत्र) सलमान उर्फ चांद पिता अहमद हुसैन को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है.
तीनो आरोपितों को उम्रकैद की सज़ा के अलावा 50-50 हज़ार जुर्माना लगाया गया है.
जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर 06-06 माह का अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई है.
जबकि दो आरोपी क्रमशः सोनू व रानू के विरुद्ध पूरक अनुसंधान जारी बताया गया है.
यह सजा एसटी 767/2024 मे सुनाया गया है.
सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने बताया कि 18 जून 2024 को करीब साढ़े 11 बजे दिन को बैरगाछी थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव के रहनेवाले रब्बान का छोटा भाई नबी हसन फील्ड में बैठा था. उसको जान मारने के नियत से गांव के अहमद हुसैन, नन्ही खातून, सोनू, सलमान, रानू, लाडली, ईरम, भानु, खैतुंनिया व असहाब सभी हरवे हथियार से लैस होकर रब्बान के छोटे भाई नबी हसन को मारपीट करने लगे. नबी हसन वहां से जान बचाकर भाग निकला और घर में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया. सभी लोग नबी हुसैन को खदेड़ते हुए उसके आंगन में घुस गए. जब, रब्बान का छोटा भाई नबी हसन नही मिला. तो सभी लोग मिलकर रब्बान के पिता को घसीटते हुए अपने आंगन में ले जाकर पटक दिया और लोहे का रॉड, दबिया एवं लात घुसा से पीटना शुरू कर दिया. जिससे रब्बान के पिता का सिर पीछे से फट गया. कुल्हाड़ी से सीना पर मारने के कारण सूजन हो गया व अंडकोश पर लात मारकर सूजन कर दिया. जब अभियुक्तों को लगा कि रब्बान के पिता मर गये, तो वे लोग वहाँ से चले गए.
रब्बान अपने पिता को ग्रामीणों की सहायता से सदर अस्पताल ले गया. जहाँ डॉक्टर ने रब्बान के पिता को आधे घंटे के अंदर मृत घोषित कर दिया.
घटना को लेकर रब्बान ने आरोपियों के विरुद्ध बैरगाछी थाना कांड संख्या 36/2025 दिनांक 18 जून 2025 को दर्ज करवाया.
इधर, केस आइओ ने त्वरित कार्यवाही करते हुए कोर्ट में 16 सितंबर 2024 को आरोप पत्र समर्पित किया. आरोप पत्र पर सुनवाई करते हुए 11 नवंबर 2024 को आरोपियों के विरूद्ध संज्ञान लिये. इसके बाद कोर्ट में 03 जनवरी 2025 को आरोप गठन (चार्जफ्रेम) किया गया.
चार्जफ्रेम के बिंदु पर आरोपियों ने अपने आप को निर्दोष बताया.
07 फरबरी 2025 से सेशन कोर्ट में अभियोजन साक्ष्य प्रारंभ किया गया.
जहाँ सभी साक्षियों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायलय के न्यायधीश रवि कुमार ने आरोपियों को भादवि की धारा 302 के तहत दोषी पाया.
सज़ा के विन्दू पर वचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह उर्फ पिंकू सिंह व मो मोजाहिद ने कम से कम सज़ा देने की गुहार लगाये थे.














