अनिल उपाध्याय, विशेष संवाददाता, नजरिया न्यूज पूर्वांचल, 11जनवरी।
*कादीपुर, सुल्तानपुर:* आज द्वितीय शनिवार होने पर भी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के कादीपुर तहसील मुख्यालय में स्थित सीओ चकबंदी का कार्यालय खुला हुआ था। चकबंदी संबंधित शिकायतों का निपटारा चकबंदी सीओ कर रहे थे। उन्होंने कहा: चकबंदी कानून सभी चकबंदी वाले गांवों में बिना भेदभाव के अनुपालन कराया जा रहा है।
यह जानकारी विभागीय सूत्रों ने देते हुए बताया कि चक के बीच से मंदिर तक रास्ता, बाग को आबादी दर्ज कर देना,जोत चकबंदी कानून 1953 का उल्लंघन, चक आउट गाटा संख्या का क्षेत्रफल कम देना, अंश निर्धारण में लिपिकीय त्रुटियों के बेहद गंभीर मामलों की सुनवाई सीओ कादीपुर ने किया और कहा कि न्याय की कुर्सी संभाल रहा हूं ।
*चकबंदी विभाग सुलतानपुर,यूपी-* कादीपुर तहसील क्षेत्र के वर्तमान सीओ चकबंदी विभाग के कानूनों का साक्ष्य प्रस्तुत करने पर उसे मानेगें। वे शिकायत करने वालों को विधिक जानकारी अपने कार्यालय कक्ष में बता रहे थे। सभी शिकायतकर्ता बेहद संतुष्ट नजर आए…
न्याय का कानून सभी पर लागू होता है । कानून के विपरीत कोई कार्य किया गया है तो उसका साक्ष्य प्रस्तुत कीजिए। मैं साक्ष्य के सापेक्ष न्याय करूंगा।
इस संदर्भ में नजरिया न्यूज संवाददाता से उन्होंने कहा: चकबंदी सीओ भी कानून से बंधे हुए हैं। दो काश्तकारों के लिए एक जैसे मामले में अलग -अलग न्याय नहीं हो सकता। सीओ चकबंदी ने कहा:
काश्तकारों को कानून के शासन पर विश्वास करते हुए कानून के पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिए।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत पाकरपुर में चकबंदी सर्वे के दौरान गरीब काश्तकारों के चकआउट गाटा नंबर में सड़क दर्ज कर दी गई है लेकिन उसी चक आउट का गाटा नंबर का मौके पर मौजूद क्षेत्रफल नहीं दर्ज नहीं किया गया है।
इस शिकायत की सीओ चकबंदी ने सुनवाई करते हुए वाद के सापेक्ष रिपोर्ट मंगवाने का आश्वासन दिया।
एक और वाद की सुनवाई हुई। जिसमें एक सहखातेदार काश्तकार एक बीघे का हिस्सेदार था। उसका हिस्सा आधा कर दिया गया था। वहीं जो सहकाश्तकार आधे बीघे का हिस्सेदार था, उसका हिस्सा एक बीघा कर दिया गया था।
इस मामले में सीओ कादीपुर ने साक्ष्य प्रस्तुत करने का निदेश दिया।
इसी प्रकार एक मामले में सहखातेदार सात विश्वा से अधिक का हिस्सेदार था। लेकिन चकबंदी सर्वे में उक्त खातेदार सात विश्वे में भी दूसरे काश्तकार को हिस्सेदार बना दिया गया था। सीओ कादीपुर ने इस मामले में भी पीड़ित काश्तकार को साक्ष्य अविलंब प्रस्तुत करने का निदेश दिया। सुनवाई के दौरान सभी काश्तकार संतुष्ट नजर आए।