- आवेदन करने की अंतिम तिथि 08 जनवरी 2025
- बीरेंद्र पांडेय, शिक्षा संवाददाता, किशनगंज,03जनवरी।
जिला पदाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में पीएम कुसुम (फीडर सोलराइजेशन योजना) से संबंधित बैठक कार्यालय वेश्म में आज आयोजित की गई।
बैठक में कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के द्वारा बताया गया कि यह योजना राज्य के कृषि एवं मिश्रित (कृषि भार युक्त) फ़िडरों को सौर ऊर्जा से ऊर्जान्वित किया जाएगा। इस योजना में विद्युत उपकेंद्रों के लगभग 5 किलोमीटर दायरे के अंदर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इसका मुख्य लक्ष्य किसानों की आमदनी में वृद्धि के साथ हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना है।
इसमें भारत सरकार द्वारा अधिकतम 1.05 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट तथा बिहार सरकार द्वारा 45 लाख रुपए प्रति मेगावाट की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। केंद्र/राज्य सरकार द्वारा प्राप्त होने वाली वित्तीय सहायता कृषि फीडर के सौर ऊर्जावयन क्षमता के आधार पर की जाएगी। वित्तीय सहायता नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय द्वारा तय कार्यों को पूर्ण करने पर चरणबद्ध तरीके से दी जाएगी।
आवेदकों को निविदा में भाग लेने हेतु निविदा प्रसंस्करण शुल्क 590 रुपए, निविदा शुल्क 11800 रुपए एवं अग्रिम धनराशि बैंक गारंटी अथवा डिमांड ड्राफ्ट के रूप में 100000 रुपए प्रति मेगावाट की दर से उपकेंद्र वार जमा करना होगा।
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कार्य का दायरा उपकेंद्र से लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में भूमि की पहचान कर इसका स्वामित्व या पट्टा का अधिकार हासिल करना होगा। उक्त भूमि पर संयंत्र की स्थापना करनी होगी एवं ट्रांसमिशन लाइन द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र को विद्युत उपकेंद्र से जोड़ना होगा।
पात्रता का मापदंड नेटवर्थ पॉजिटिव होना चाहिए यह किसान/किसानों का समूह/ सहकारिता पंचायत/ किसान उत्पादक संगठन /जल उपभोग कर्ता संघ/ स्वयं सहायता संघ भी बिना किसी तकनीकी या वित्तीय पात्रता मानदंड में भाग ले सकते हैं।
कार्य 12 महीने के भीतर कार्य संपन्न करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 08 जनवरी 2025 है। इसमें लगभग चार एकड़ प्रति मेगावाट भूमि की आवश्यकता होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत (भूमि तथा पारेषण सहित) 5 करोड रुपए प्रति मेगावाट है एवं पारेषण लाइन का खर्च लगभग 05 लाख रुपए प्रति किलोमीटर है। इसका इकरारनामा 25 वर्ष तक रहेगी।
1 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का अनुमानित लागत 4.2 करोड़/MW है। इसके लिए कुल वित्तीय सहायता 1.5 करोड़ है। सौर ऊर्जा संयंत्र का 01 MW (AC) क्षमता की लागत लगभग 5 करोड़ रुपए है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इसके लिए कम-से-कम दो एकड़ जमीन में आधा मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा सकता हैं एवं इस योजना से लोकल लेवल पर सोलर पावर प्लांट बनाने की योजना तैयार की जा रही हैं। जिला पदाधिकारी महोदय ने सभी उद्योगपति से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस योजना में आवेदन करने का अनुरोध किया।
इस बैठक में कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, जीएम डीआईसी, एलडीएम, एवं अन्य विभिन्न उद्योगपति शामिल हुए।