बीरेंद्र पांडेय, शिक्षा संवाददाता किशनगंज, 20 दिसंबर।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी यूडीआईडी परियोजना (Unique Disability ID) के तहत दिव्यांगजनों को यूनिक पहचान कार्ड प्रदान करने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिलाधिकारी विशाल राज के निर्देशानुसार शुक्रवार को सदर अस्पताल में दिव्यांगता जांच और प्रमाणपत्र वितरण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्देश्य दिव्यांगजनों को प्रमाणपत्र और डिजिटल पहचान कार्ड उपलब्ध कराना, उनका नवीकरण करना और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना है।
*इस मौके पर जिलाधिकारी ने अपील:*
दिव्यांगजनों को उनके अधिकार दिलाने में दें साथ। समाज के सभी वर्गों से दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की अपील उन्होंने की।
डीएम श्री राज ने कहा: “दिव्यांगजन समाज के अभिन्न हिस्सा हैं। उनकी पहचान सुनिश्चित करना और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना हमारी प्राथमिकता है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि अपने आसपास के दिव्यांगजनों को इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। यह सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उनकी जिंदगी को सशक्त बनाने का प्रयास है।”
*दिव्यांगता शिविर में 19 की जांच, 6 को मिला प्रमाणपत्र*
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि शिविर में कुल 19 दिव्यांगजनों की जांच की गई, जिसमें 6 को प्रमाणपत्र जारी किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. राहुल कुमार के नेतृत्व में यह प्रक्रिया पूरी की गई।इसके अलावा, जिनके पास पहले से प्रमाणपत्र है, उनका नवीकरण भी किया गया। शिविर में यूनिक डिसेबिलिटी आईडेंटिटी कार्ड (यूडीआईडी) जारी कर इसे आधार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई।
बिहार -किशनगंज-दिव्यांगजनों को इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित करें-यह सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उनकी जिंदगी को सशक्त बनाने का प्रयास है-विशालराज, डीएम किशनगंज
*यूडीआईडी कार्ड: दिव्यांगजनों की डिजिटल पहचान*
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि अब जिले में सभी दिव्यांगजनों का 100% ऑनलाइन प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑफलाइन प्रमाणपत्र अब राज्य में मान्य नहीं होंगे।”यूडीआईडी कार्ड न केवल दिव्यांगजनों को डिजिटल पहचान देगा, बल्कि उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ेगा। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रोजाना कार्य किया जा रहा है।”
*शिविर में क्या-क्या सुविधाएं दी गईं?*
1. प्रमाणपत्र वितरण: दिव्यांगजनों को प्रमाणपत्र बनाकर दिया गया।
2. नवीकरण: जिनके प्रमाणपत्र की अवधि समाप्त हो गई थी, उनका नवीकरण किया गया।
3. विशेष ध्यान: बौद्धिक अक्षमता, विशिष्ट अधिगम, ऑटिज्म, और मानसिक दिव्यांगता से ग्रसित लोगों को प्राथमिकता दी गई।
4. जांच प्रक्रिया: नाक, कान, गला, मूक-बधिर और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए विशेषज्ञ जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई।
*यूडीआईडी कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज*
दिव्यांगता प्रमाणपत्र।
आधार कार्ड।
पहचान पत्र (जैसे मतदाता पहचानपत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस)।
आवासीय प्रमाणपत्र।
पासपोर्ट साइज फोटो।
*हर दिव्यांगजन की पहचान, समाज का गौरव बढ़ाएगा।”*
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि “जिले का हर दिव्यांगजन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाए, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। इस प्रक्रिया में भाग लेकर उनके अधिकार दिलाने में सहयोग करें।”दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील बनें और उन्हें उनके अधिकार दिलाने में मदद करें।
“हर दिव्यांगजन की पहचान, समाज का गौरव बढ़ाएगी।”यदि आपके आसपास कोई दिव्यांगजन है, तो उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें और शिविर में पहुंचने में सहायता करें।सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि “हर दिव्यांगजन को डिजिटल पहचान देना और उन्हें सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है। यह केवल सरकार की योजना नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का प्रयास है।”