वीरेंद्र चौहान, नजरिया न्यूज ब्यूरो, 6दिसंबर
किशनगंज जिला के महानंदा नदी ओदरा घाट के नजदीक गंगा नदी पुर्नस्थापन योजना के तहत् रिवर रैंचिग कार्यक्रम अन्तर्गत गंगा नदी के सहायक महानंदा नदी में पाये जाने वाली देशी मछली यथा रोहू, कतला एवं मंगल प्रजाति की मछली के 3.80 लाख अंगुलिका पुनर्स्थापन कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पदाधिकारी,उप विकास आयुक्त गौरी शंकर, संयुक्त मत्स्य निदेशक, प्रशिक्षण एवं प्रसार, मीठापुर पटना, शंभू कुमार राय, उप-मत्स्य निदेशक, पूर्णियाँ परिक्षेत्र पूर्णियाँ, जिला पशु पालन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, किशनगंज, जिला मत्स्य पदाधिकारी, किशनगंज, के द्वारा दीप प्रजलित कर संयुक्त रूप से 05नवंबर को किया गया।
जिला पदाधिकारी किशनगंज, द्वारा उपस्थित मछुआरों को इस मौके पर प्रेरित किया गया कि जलकारों,तालाबों में बेहतर मत्स्य पालन कर मत्स्य उत्पादकता में बृद्वि लाएं। वहीं जिला मत्स्य पदाधिकारी को मत्स्य कृषकों को लगातार प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर जागरूकता लाने हेतु निर्देशित दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी के द्वारा उपस्थित सभी मछुआरे सदस्यों को योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया गया कि नदियों से लगातार मछुआरों के द्वारा शिकारमाही किये जाने के कारण नदियों में देशी प्रजाति की मछली बिलुप्त होने के स्थिति में है। साथ ही नदियों में मछली कम होने के कारण मछुआरों को बेरोजगारी एवं दिन प्रतिदिन आमदनी में कमी हो रही है।
योजना से नदियों में देशी प्रजाति की मछलियों की वृद्धि हो सकेगी। मछुआरों को पर्याप्त मात्रा में मछली मिल सकेगी।
मछुआरों से अनुरोध किया गया कि मछली पकड़ने के लिए चट्टी जाल एवं 10 एम एम से नीचे के फाँस जाल का प्रयोग नही करें। इस तरह के जाल का प्रयोग करना दण्डनीय अपराध भी है। जाल का प्रयोग करते समय पकड़ाने पर सजा भी हो सकती है। साथ ही मछुआरे के लिए भी आजीविका में खतरे की स्थिति को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम में जिला मत्स्य कार्यालय के मत्स्य विकास पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, कोचाधामन, टेढ़ागाछ, ठाकुरगंज, एवं पोठिया मत्स्य जीवी सहयोग समिति के मंत्री एवं सदस्य, स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि एवं प्रगतिशील मत्स्य पालक भी उपस्थित थे।