- फहीम नामक चोर की दास्तान, पुलिस हिरासत से भागने का किस्सा पुलिस ने किया साझा
- पुलिसकर्मियों को अपने घर अधिक शराब पिला पत्नी की मर्सडीज हो गया था फरार
मीरा प्रवीण वत्स, नजरिया न्यूज विशेष संवाददाता, बरेली। 03नवंबर।
उत्तर प्रदेश बरेली एसटीएफ की इकाई एक चोर को पकड़ने के बाध उसे सभ्य चोर बता रही है। उसी चोर के कहने पर हवाई जहाज में आईडी चेक करने वालों को पुलिस ने अपनी स्टोरी में लापरवाह बताया है।
जानकारी के मुताबिक
फहीम नामक चोर पकड़ाया है। वह दूसरे प्रदेश में चोरी करके उक्तर प्रदेश में शरण लेता था। फिलहाल एसटीएफ की बरेली इकाई ने उसे गिरफ्तार किया है। एएसपी अब्दुल कादिर और इंस्पेक्टर राकेश सिंह ने फहीम की गिरफ्तारी ने की है।
वह पुलिस को चकमा देने में क्यों सफल रहता है, इसकी जानकारी देते हुए एसएसपी सुशील घुले ने बताया कि फहीम से पूछताछ जारी है ताकि उसके पूरे नेटवर्क का पता लगाकर आगे की कार्रवाई की जा सके।
उसने एसटीएफ के अधिकारियों को बताया कि चोरी के दौरान यदि घर का मालिक जाग जाता, तो वह जानबूझकर अपना चेहरा दिखा देता था। ताकि,यदि पुलिस घरवालों को फोटो दिखाए, तो वे उसे आसानी से पहचान सकें।
घर में सीसीटीवी कैमरा लगा होता तो फहीम कैमरे में भी अपने चेहरे को छिपाने की बजाय साफ तौर पर दिखाता था। ताकि, चोरी का आरोप सीधे उसी पर लगे और निर्दोष न फंसें।
हवाई जहाज की यात्रा फर्जी आईडी से संभव बनाया फहीम :
फहीम ने खुलासा किया कि वह फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर विभिन्न शहरों में सफर करता था। अक्सर वह हवाई यात्रा से एक शहर से दूसरे शहर जाता, जिससे पुलिस की पकड़ में आना मुश्किल हो । चोरी की एक वारदात को अंजाम देकर वह सैकड़ों किलोमीटर दूर दूसरे शहर पहुंच जाता था। और वहां फिर चोरी करता। पुलिस के पहुंचने से पहले वह अगली यात्रा की योजना बना लेता।
फहीम चोर था या फरिश्ता :
फहीम का उपनाम ‘एटीएम’ था । उसके पास कई बैंकों के डेबिट कार्ड थे। तब ये सुविधा बहुत ही कम लोगों के पास होती थी जब भी उसके परिचित लोग उससे आर्थिक मदद मांगते, तो वह उन्हें एक कार्ड और पिन दे देता था। इसके अलावा, वह नकद पैसे भी उपलब्ध कराता था। उसके इसी स्वभाव के कारण दोस्तों ने उसे ‘चलता फिरता एटीएम’ कहना शुरू कर दिया और यह नाम उसके साथ जुड़ गया।
हिरासत से भागने के अनोखे तरीके :
फहीम ने पुलिस हिरासत से भागने के किस्से भी साझा किए। एक बार वह कोर्ट से जेल वापस जाते समय पुलिसकर्मियों को अपने घर ले गया और उन्हें खाने-पीने का लालच दिया। उसने पुलिसकर्मियों को अधिक शराब पिला दी और इसी दौरान उसकी पत्नी मर्सडीज लेकर आई, जिससे वह फरार हो गया। इसके बाद, दूसरे मामले में उसने सीतापुर जेल में रहते हुए हाईकोर्ट से बीमारी का हवाला देकर तीन महीने की पेरोल ली। पर इस बार भी वह पेरोल खत्म होने के बाद जेल नहीं लौटा और पुलिस उसे भगोड़ा घोषित कर तलाश में जुट गई।
पुलिस के लिए पकड़ना क्यों था मुश्किल :
फहीम को पकड़ना पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया थी। उसकी कुछ आदतें पुलिस को चकमा देने में मददगार साबित होती थीं। वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल बहुत कम करता था, और हर चोरी के बाद एक नए शहर में जाकर वारदात को अंजाम देता था। वह अक्सर हवाई या ट्रेन यात्रा का सहारा लेता और पुलिस के आने से पहले ही शहर बदल देता। उसकी ये रणनीतियां उसे पकड़े जाने से बचाने में कारगर रहीं।
केवल सोना और नकदी चुराने का शौक :
फहीम ने ज्यादातर चोरी की वारदातें कर्नाटक के बंगलुरू, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और अन्य राज्यों में कीं। उसके खिलाफ छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश में भी केस दर्ज हैं। वह अकेले ही चोरी करता और उसका निशाना सिर्फ सोने के आभूषण और नकदी होती। चांदी वह मजबूरी में ही चुराता था क्योंकि उसे सोना और कैश ही अधिक मूल्यवान लगते थे।