नजरिया न्यूज़, अररिया
अररिया पुलिस और अभियोजन शाखा (स्पीडी ट्रायल) की लगातार कोशिशों का बड़ा परिणाम मंगलवार को सामने आया, जब नरपतगंज थाना कांड संख्या 380/23 में आरोपी पूनम देवी को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। यह फैसला माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-04, अररिया की अदालत ने दिनांक 27 नवंबर 2025 को सुनाया। मामले में पुलिस और अभियोजन की त्वरित कार्रवाई तथा मजबूत पैरवी के कारण यह निर्णय अपेक्षाकृत कम समय में आ सका।
घटना 11 जुलाई 2023 की है, जब नरपतगंज थाना क्षेत्र के रामघाट कोशीपुर, वार्ड-05 की रहने वाली पूनम देवी पर हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। अभियुक्त पर धारा 302, 201, 120 (B) और 328 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आरोप सिद्ध हुए। अदालत ने मामले की गंभीरता, घटना की क्रूरता और उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए पूनम देवी को धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई। आदेश में स्पष्ट कहा गया कि दोषी को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
इसके अलावा, धारा 328 भा.दं.सं. के तहत अदालत ने 07 वर्ष का सश्रम कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। धारा 201 और 120(B) के तहत दोषी को 05 वर्ष का सश्रम कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया गया है। निर्धारित जुर्माना राशि अदा न करने की स्थिति में 18 माह का अतिरिक्त साधारण सश्रम कारावास भुगतना होगा।
स्पीडी ट्रायल की सफलता इस मामले में साफ झलकती है। पुलिस की ओर से समय पर केस डायरी प्रस्तुत करना, वैज्ञानिक साक्ष्यों का सही उपयोग, गवाहों का सुरक्षित और समय पर बयान तथा अभियोजन शाखा द्वारा की गई प्रभावी दलीलों ने केस को मजबूत बनाया। स्थानीय स्तर पर यह फैसला एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि हत्या जैसे गंभीर मामलों में शीघ्र न्याय लोगों में विश्वास को और मजबूत करता है।
अदालत द्वारा सुनाया गया यह निर्णय जहां मृतक पक्ष को न्याय दिलाने वाला है, वहीं समाज के लिए भी यह संदेश है कि जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी स्थिति में कानून से बचाया नहीं जा सकता। अररिया पुलिस ने इस फैसले को न्याय की बड़ी जीत बताया है और कहा है कि ऐसे मामलों में पुलिस की प्राथमिकता त्वरित और निष्पक्ष जांच ही रहती है।


















