- पोषण पखवाड़ा के दौरान जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का होगा आयोजन
- अभियान की सफलता के लिये समुदाय के सभी वर्गों का सक्रिय सहयोग जरूरी
अररिया, 12 अप्रैल ।
इस वर्ष पोषण पखवाड़ा का आयोजन 08 से 22 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान व्यक्तिगत व सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से गर्भवती व धात्री महिलाएं, किशोरियों व 06 वर्ष से क्रम उम्र के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के उद्देश्य से जन भागीदारी सुनिश्चित कराते हुए इसे एक जन आंदोलन का रूप देने की पहल की जा रही है। पोषण पखवाड़ा के दौरान जीवन के प्रथम हजार दिन का महत्व, पोषण ट्रैकर एप पर स्वपंजीकरण के लिये लाभार्थी माड्यूल का प्रचार-प्रसार, सी-सैम मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन, बच्चों में मोटापे से निजात दिलाते हुए स्वस्थ जीवनशैली का प्रचार, मिशन लाइफ सहित अन्य गतविधियों का आयोजन किया जाना है। विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय से आयोजित संबंधित गतिवधियों से जुड़ा प्रतिवेदन हर दिन जन आंदोलन डैश बोर्ड लिंक पर अपलोड किया जाना है।
सामुहिक प्रयास से पोषण के प्रति जागरूकता की होगी पहल
आईसीडीएस डीपीओ मंजूला व्यास ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के दौरान विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से जागरूकता संबंधी कई गतिविधियां आयोजित की जा रही है। इस क्रम में पोषण रैली, प्रभात फेरी, मोटापा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये स्वस्थ भोजन संकल्प अभियान, शिशुओं को हाथ धोने सही तरीके का पूर्वाभ्यास, पोषण परामर्श, एनीमिया जागरूकता व जांच कैंप, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा दिवस का आयोजन, कुपोषित बच्चों की पहचान व एनआरसी में उन्हें दाखिल कराना, सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से परहेज के प्रति जागरूकता जैसी विभिन्न गतविधियां आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के क्रम जन भागीदारी से बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाएं, किशोरियों के स्वास्थ्य व पोषण स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य है।
समुदाय के सभी वर्गों का सहयोग से होगा अभियान सफल
जिला पोषण समन्वयक कुणाल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के क्रम में जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान, पोषण ट्रैकर के लाभार्थी मॉड्यूल के बारे में जागरूकता, बचपन में मोटापे से बचाव हेतु स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने संबंधी गतविधियों का आयोजन आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा जारी गतविधि कैलेंडर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर निर्धारित तिथि के मुताबिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता के लिये समुदाय के सभी वर्गों का सक्रिय सहयोग जरूरी है। ताकि जिले में कुपोषण संबंधी मामलों को नियंत्रित किया जा सके।