= सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच हो गई हैआसान
वीरेंद्र चौहान, नजरिया न्यूज ब्यूरो,15जनवरी
ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
फरवरी 2021 से जनवरी 2025 तक इस सेवा के माध्यम से 3,52,535 लोगों को स्वास्थ्य परामर्श दिया गया। यह सेवा ठंड के मौसम में विशेष रूप से प्रभावी साबित हो रही है, जिससे मरीज घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श ले पा रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी का बेहतरीन उपयोग के विषय में
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि जिले के कुल 263 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में से 241 उपकेंद्र को ई-टेलीमेडिसिन सेवा से जोड़े गए हैं।
इस सेवा ने ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को नए आयाम दिए हैं। फरवरी 2021 में शुरू हुई इस पहल ने पहले ही वर्ष में 3,081 लोगों को लाभान्वित किया। इसके बाद, हर वर्ष इस सेवा का उपयोग बढ़ा है। 2021-22 में 21,995, 2022-23 में 58,406, 2023-24 में 1,58,916, और 2025 के शुरुआती 14 दिनों में ही 1,10,137 मरीजों ने इसका लाभ लिया।
टेलीमेडिसिन से जुड़ीं सुविधाएं और फायदे
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि जिले में 16 हब और 263 स्पोक्स के माध्यम से यह सेवा सुचारू रूप से संचालित हो रही है। ई-संजीवनी एप के जरिए मरीज अपनी समस्या सीधे विशेषज्ञ चिकित्सकों तक पहुंचा सकते हैं। इसके माध्यम से मरीजों को न केवल समय पर परामर्श मिल रहा है, बल्कि अस्पताल आने-जाने की परेशानी, लंबी कतारों में खड़े होने की समस्या और ठंड में सफर करने की कठिनाइयां भी खत्म हो गई हैं।
किशनगंज, बिहार -फरवरी 2021 से जनवरी 2025 तक ई टेली मेडिसिन सेवा के माध्यम से 3,52,535 पीड़ितों को दिया गया स्वास्थ्य परामर्श
ग्रामीणों की जिंदगी में बदलाव
जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वास्थ्य विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल दी है। यह सेवा न केवल मरीजों के लिए समय और धन की बचत कर रही है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण परामर्श भी उपलब्ध करा रही है।
लाभार्थियों की राय: सेवा से खुश ग्रामीण
सदर प्रखंड की रुखसाना खातून ने बताया, “पहले हमें डॉक्टर से मिलने के लिए शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब घर बैठे ही विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह मिल जाती है।” पोठिया प्रखंड के राजेश मंडल ने कहा, “ठंड में सफर करना हमारे लिए मुश्किल था, लेकिन अब ई-टेलीमेडिसिन सेवा से यह समस्या खत्म हो गई है।”
स्वास्थ्य जागरूकता और पोषण का संदेश
वीएचएसएनडी सत्र के दौरान गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और बच्चों को पोषण संबंधी जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि संतुलित आहार, सही स्तनपान, और पोषण वाटिका के जरिए स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।
ई-टेलीमेडिसिन: ग्रामीण भारत की जरूरत
ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने न केवल चिकित्सा सुविधाओं को सरल और सुलभ बनाया है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। यह पहल ग्रामीण जनता के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है।