- कुष्ठ रोगियों के नि:शुल्क जांच व इलाज का है इंतजाम, फिलहाल जिले में 338 मरीज इलाजरत
अररिया, 05 दिसंबर।
जिले में कुष्ठ उन्मूलन अभियान की मजबूती के लिये संबंधित कर्मियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण में रोग के लक्षण, सत्यापन व उपचार के संबंध में कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण की विशेष रूपरेखा तैयार की गयी है। इसमें दो दिनों तक वर्ग कक्ष प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षण के तीसरे व अंतिम दिन व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिये विशेष सत्र निर्धारित किया गया है। सीडीओ डॉ वाईपी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था डीएमआईटी के एरिया मैनेजर सत्यदेव यादव मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं।
समय पर रोग की पहचान व प्रबंधन प्रशिक्षण का उद्देश्य
जिला कुष्ठ निवारण केंद्र के डीएनटी जीतेंद्र कुमार अमन ने बताया कि तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले में कार्यरत सभी पारा मेडिकल वर्कर पीएमडब्ल्यू भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण के क्रम में उन्हें रोग का इतिहास, संकेत व लक्षण, सत्यापन, संक्रमण प्रबंधन, न्यूराइटिश व अल्सर प्रबंधन सहित रोग से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण पहलूओं से अवगत कराया गया है। ताकि ससमय कुष्ठ के मामलों को चिह्नित करते हुए रोग का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित कराया जा सके। साथ ही इसके प्रसार को भी नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने बताया कि तीसरे व अंतिम दिन के प्रशिक्षण में कुष्ठ रोग से संबंधित दो बच्चे, संक्रमण से संबंधित दो मामले व कुष्ठ रोगी से संबंधित दो मामलों पर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिये जाने की जानकारी उन्होंने दी।
जिले में कुष्ठ का बेहतर व नि:शुल्क उपचार उपलब्ध
सीडीओ डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि जिले में फिलहाल 338 कुष्ठ के इलाजरत मरीज हैं। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की जांच व इलाज समुचित इंतजाम जिले में उपलब्ध है। जो पूरी तरह नि:शुल्क है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में कुष्ठ रोग का शिकार हो सकता है। उन्होंने बताया कि त्वचा क्षति, मांसपेशियों की कमजोरी, हाथ-पैर का सुन्न होना, शरीर पर कहीं भी दाग-धब्बा होना कुष्ठ के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए लोगों को तत्काल जांच व इलाज को प्राथमिकता देनी चाहिये।
रोग से संबंधित मिथक व भ्रांतियों को त्यागना जरूरी
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग कुष्ठ संबंधी मामलों पर प्रभावी नियंत्रण के प्रति संवेदनशील है। इसके लिये विभाग द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान के साथ सघन रोगी खोज अभियान का संचालन किया जाता है। ताकि रोग के संभावित मरीजों को चिह्नित कर उन्हें उपचारित किया जा सके। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे कुष्ठ रोग को लेकर समाज में फैले मिथकों व भ्रांतियों को त्यागें व किसी भी लक्षण की स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। सिविल सर्जन ने कहा कि कर्मियों का दिये जा रहे तकनीकी प्रशिक्षण रोग उन्मूलन अभियान को मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही समुदाय में रोग के कारण, लक्षण व निदान संबंधी उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने में मददगार होगा।