अररिया आरएस स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के दर्जनों छात्र अररिया आरएस स्टेशन पर घूमते नजर आने का मामला प्रकाश में आने के बाद लोग स्कूल प्रशासन पर जमकर सवाल उठा रहे हैं। प्रत्यक्ष दर्शियो का कहना है कि इस क्रम में एक मनचला छात्र स्टेशन पर खड़ी माल गाड़ी के ऊपर चढ़कर सेल्फी लेने लगा जिस दौरान छात्र 20 हजार वार्ड के बिजली की तार की चपेट में आने से बुरी तरह झुलस गया। जिसे स्थानीय लोगों द्वारा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां छात्र की स्थिति गंभीर देखते हुए अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया है। मामले को लेकर स्टेशन अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि रविवार की देर रात लगभग 11 बजे के करीब अररिया आर एस स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के कुछ छात्र अररिया आरएस स्टेशन पहुंचे। इन छात्रों की टोली में से एक छात्र मस्ती करने के दौरान स्टेशन पर खड़ी माल गाड़ी के ऊपर चढ़कर सेल्फी लेने लगा जिस दौरान छात्र 20 हजार वार्ड के बिजली की तार की चपेट में आने से बुरी तरह झुलस गया।
घटना की सूचना स्टेशन अध्यक्ष द्वारा अररिया आरएस थाना पुलिस व स्कूल प्रशासन को दी गई। घटना की सूचना मिलते ही आरएस थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर छात्र को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गई, लेकिन घटना के सूचना मिलने के घंटो बाद भी स्कूल प्रशासन के द्वारा घटनास्थल पर पहुंचने की जहमत नहीं उठाई गई। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस नवोदय विद्यालय में बेहतर भविष्य बनाने के लिए अभिभावक द्वारा दिन-रात मेहनत कर अपने बच्चों का दाखिला करवाते हैं उस विद्यालय मैं इतनी बड़ी चूक का जिम्मेदार कौन है। स्कूल प्रशासन के कार्यों पर उठ रहा सवाल रविवार की देर रात हुई घटना के बाद स्कूल प्रशासन के कार्यों पर सवाल उठ रहा है। लोगों का कहना है कि छात्र की सुरक्षा व स्कूल की देखरेख के लिए स्कूल में इतने बड़े चार दिवारी का निर्माण और रात्रि प्रहरी की भी नियुक्ति की गई है। ऐसे में इतनी रात छात्रों का स्कूल परिसर से बाहर निकलना खुद में एक सवाल पैदा कर रहा है। आसपास के लोगों का कहना है कि आए दिन जवाहर नवोदय विद्यालय में रहने वाले छात्र विद्यालय परिसर से बाहर मस्ती करते नजर आते हैं। जिम्मेदार मौन मामले को लेकर जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य सुशांत झा से मिलने की कोशिश की गई तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया साथी कई बार उनके प्राइवेट नंबर पर फोन लगाने के बाद भी उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा।