ग्रामीण मातृत्व सुरक्षा मुख्य उद्देश्य
बीरेंद्र पांडेय, शिक्षा संवाददाता, किशनगंज,11नवंबर।
गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान के तहत ग्रामीण महिलाओं के सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए दिघलबैंक में एक महत्वपूर्ण बैठक आज आयोजित की गई। यह बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) की अध्यक्षता में हुई, जिसमें महिला पर्यवेक्षिका और विकास मित्रों ने भाग लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य अभियान की प्रगति पर चर्चा करना और महिला पर्यवेक्षिका व विकास मित्रों को विशेष जिम्मेदारियां सौंपनी थी ताकि गृह प्रसव की घटनाओं को रोका जा सके और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके।
महिला पर्यवेक्षिका और विकास मित्रों को क्या उत्तरदायित्व सौंपे गए हैं
बैठक में जिला पदाधिकारी विशाल राज के निदेश के आलोक में महिला पर्यवेक्षिका और विकास मित्रों को ग्रामीण महिलाओं को संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूक करने का कार्य सौंपा गया। जिला पदाधिकारी ने पहले ही निर्देश दिए थे कि अभियान को सफलता दिलाने के लिए सभी स्तरों पर समर्पण और एकजुटता आवश्यक है।
उन्होंने कहा:
“हमारी प्राथमिकता है कि हर गर्भवती महिला सुरक्षित और संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल तक पहुंचे। इसके लिए हमें सभी विभागों और समुदाय के लोगों का सहयोग चाहिए।”
बैठक के मुख्य बिंदु में प्रथम संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूकता: महिला पर्यवेक्षिका और विकास मित्रों को निर्देश दिया गया कि वे गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को संस्थागत प्रसव के लाभ और घर पर प्रसव के संभावित जोखिमों के बारे में जानकारी दें। इसके लिए गांव-गांव जाकर घर-घर संपर्क करना अनिवार्य किया गया है।
दूसरा समुदाय का सहयोग: प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों, और ग्रामीण समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है। सभी विकास मित्रों और महिला पर्यवेक्षिका को स्थानीय पंचायतों की बैठकों में अभियान का प्रचार-प्रसार करने और महिलाओं को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।
तीसरा सख्त निगरानी और रिपोर्टिंग:
जिला पदाधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए प्रखंड स्तर पर सभी महिला पर्यवेक्षिका को नियमित रूप से रिपोर्टिंग करने का आदेश दिया गया। अभियान की प्रगति पर नजर रखने के लिए समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी।
चौथा गर्भवती महिलाओं की निगरानी:
विकास मित्रों को निर्देशित किया गया कि वे हर गर्भवती महिला की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने की पूरी व्यवस्था हो। किसी भी जटिलता के मामले में आशा कार्यकर्ताओं और महिला पर्यवेक्षिकाओं से समन्वय स्थापित कर उचित कदम उठाने की जिम्मेदारी विकास मित्रों को सौंपी गई है।
सामुदायिक भागीदारी पर जोर
इसके अलावा बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जिला पदाधिकारी विशाल राज के द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में अभियान में सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान का उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। हम सभी विभागों और स्थानीय संगठनों से उम्मीद करते हैं कि वे इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरे उत्साह और समर्पण के साथ काम करेंगे।
“बैठक के अंत में सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं और विकास मित्रों ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि हर गर्भवती महिला को सुरक्षित और संस्थागत प्रसव का लाभ मिले।