- जिला व षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार ने भरी अदालत में सज़ा सुनाई
- सरकार की ओर से पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्याम लाल यादव ने आरोपी को फाँसी देने की अपील की थी
- एक दिन में ट्रायल मामले में 15 दिसंबर 2021 को आरोपी को अंतिम सांस तक हुई थी सज़ा, सज़ा होने पर अपील मे सुप्रीम कोर्ट आरोपी गया था, जहां री-ट्रायल करने का आदेश जारी किया गया था
नज़रिया न्यूज़ (रूबी विनीत), अररिया।
व्यवहार न्यायालय अररिया के जिला व षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार की अदालत ने 07-08 वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का मामला प्रमाणित होने पर जिले के कुआरी थाना क्षेत्र के रहनेवाले राज कुमार यादव पिता स्व राधेश्याम को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है।
वही, न्यायधीश श्री कुमार ने आरोपी को कारावास की सज़ा के अलावा 50 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है।
जुर्माना की राशि जमा नही होने पर आरोपी युवक को 03 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सज़ा भुगतने का आदेश जारी किया गया है।
यह आदेश स्पेशल (पॉक्सो) 36/2021 महिला थाना कांड संख्या 124/2021 मे पारित किया गया है।
विशेष जानकारी देते हुए पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्याम लाल यादव ने बताया कि आरोपी को इसी मामले में 15 दिसंबर 2021 को न्यायमण्डल अररिया के तत्कालीन एडीजे सह पोक्सो जज शशिकांत रॉय की अदालत ने एक दिन में ट्रायल पूरी करते हुए आरोपी राज कुमार यादव को अंतिम सांस तक सज़ा सुनाये थे, वे आदेश में पीड़िता को विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के तहत 10 लाख रुपये देने का आदेश जारी किया था।
इस मामले में पीड़िता को विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के तहत 10 लाख रुपये मिल चुका है।
लेकिन सज़ा से असंतुष्ट आरोपी राज कुमार यादव ने सज़ा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में अपील दाखिल किया, जहाँ सुनवाई उपरांत री-ट्रायल चलाने का आदेश जारी किया गया था।
बताया गया कि सज़ा पाने वाला युवक राज कुमार यादव पिता स्व राधेश्याम जिले के कुआरी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है।
पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्याम लाल यादव ने बताया कि घटना 22 सितंबर 2021 को समय करीब 06 बजे शाम को सूचक की 07-08 बच्ची, जो कि इस मामले में पीड़िता है, के साथ शारिरिक संबंध बहला फुसलाकर स्थापित किया।
दुष्कर्म के कारण दर्द से कराहने लगी तो आरोपी बच्ची के प्राइवेट पार्ट से बहते खून को देखकर घबराकर सड़क किनारे छोड़कर भाग गये थे।
बच्ची के पिता ने आरोपी के खिलाफ़ घटना को लेकर महिला थाना कांड संख्या 124/ 2021 दर्ज करवाया।
इस मामले में पुनः 02 अप्रैल 2024 को आरोप गठन किया. आरोप गठन के विंदू पर आरोपी ने अपने आप को बेकसूर बताया। बताया ग्रामीण राजनीति के तहत फंसाया गया है।
आरोप गठन के बाद न्यायालय में सरकार की ओर से साक्ष्य प्रारंभ किया गया। जहाँ सभी साक्षियो ने घटना का पूर्ण समर्थन किया। साक्षियो के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायधीश अजय कुमार ने आरोपी राज कुमार यादव को दोषी पाया।
सज़ा के बिन्दू पर सरकार की ओर से पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्याम लाल यादव ने आरोपी को फाँसी की सज़ा देने की प्रार्थना की।
जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता देव नारायण सेन उर्फ देबू सेन ने कम से कम सज़ा देने की गुहार लगाये थे।