प्रतिभा सिंह, नजरिया न्यूज संवाददाता दिल्ली, 6फरवरी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग के बाद जब एग्ज़िट पोल आए तो भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से आगे दिखी।
आम आदमी पार्टी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है लेकिन एग्ज़िट पोल के आंकड़े इससे उलट हैं। हालांकि एग्ज़िट पोल के अनुमान हर बार सही साबित नहीं होते। इस बार दिल्ली में एग्ज़िट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो बीजेपी यहां लगभग 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर लेगी।
अगर आम आदमी पार्टी हारती है तो ये पार्टी के लिए एक बड़ी हार साबित होगी। बीते एक दशक में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के साथ पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के साथ राष्ट्रीय पार्टी बनने की यात्रा पूरी की है।
इस सफर के दौरान दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर कथित शराब घोटाले के आरोप लगे और कई नेताओं को जेल जाना पड़ा। इस घटना का असर पार्टी की रणनीति पर भी दिखी। आम तौर पर आक्रामक रहने वाली आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद कई मौक़ों पर डिफ़ेंसिव मोड में दिखी।
जेल से आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।केजरीवाल ने कहा था कि वो ‘जनता की अदालत’ में ख़ुद को साबित करेंगे।
केजरीवाल ने 2013 में 28 सीटों के साथ दिल्ली की राजनीति शुरू की थी। इसके बाद 2015 में उनकी आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतीं।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में तीन बार विधानसभा और दो नगर निगम के चुनाव लड़ चुक है। विधानसभा में दो बार पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया और एक बार दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। वहीं 2017 में पार्टी को नगर निगम चुनाव में हार मिली लेकिन 2022 में एमसीडी में भी जीत मिली।
केजरीवाल ने 2013 में 28 सीटों के साथ दिल्ली की राजनीति शुरू की थी।इसके बाद 2015 में आप ने 70 में से 67 सीटें जीतीं और दिल्ली में सारे रिकॉर्ड तोड़कर नया इतिहास बना दिया।
2020 में सीटों की संख्या कम होकर 62 हुई लेकिन कोई भी दल केजरीवाल को चुनौती देते हुए नहीं दिखा।