•बीपाल्म रेजिमेन का दिया गया प्रशिक्षण
मुजफ्फरपुर। 1 फरवरी
ड्रग रेसिस्टेंट टीबी रोगियों के लिए अच्छी खबर है. जिले में बीपाल्म (B पाम Regimen) रेजिमेन से 6 महीने में ड्रग रेसिस्टेंट टीबी से ग्रसित मरीजों के रोग का प्रबंधन एवं उपचार संभव हो सकेगा. इस बाबत शनिवार को संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सीके दास ड्रग रेसिस्टेंट टीबी सेंटर पर एमओआईसी, मेडिकल ऑफिसर, एसटीएस, एसटीएलएस, लैब तकनीशियन, सीएचओ एवं एएनएम को प्रशिक्षित किया। सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार की अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। वहीं डॉ सीके दास ने मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाते हुए प्रशिक्षण कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को बीपाल्म रेजिमेन से संबंधित सारी जानकारी दी एवं पूरे रेजिमेन के सभी बिन्दुओं पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस रेजिमेन से ड्रग रेसिस्टेंट टीबी से ग्रसित मरीजों का उपचार 6 महीने में संभव हो सकेगा. इस रेजिमेन को राज्य में ड्रग रेसिस्टेंट टीबी रोगियों के उपचार के लिए आरंभ किया जाना है. एमडीआर टीबी गाइडलाइन के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के अनुसार बीपाम रेजिमेन से उपचार पर ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के प्रबंधन एवं उपचार में होने वाले खर्च में कटौती होगी तथा इससे ट्रीटमेंट सक्सेस रेट में भी वृद्धि होगी.
क्या है मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी:
मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी टीबी संक्रमण का एक रूप है जो कम से कम दो सबसे शक्तिशाली प्रथम-लाइन की दवाओं के साथ इलाज के लिए प्रतिरोधी हो जाती है. इससे टीबी के इलाज के लिए दी जाने वाली प्रथम पंक्ति की दवाइयों का असर रोगी पर होना बंद हो जाता है जिससे मरीज की समस्याएँ बढ़ जाती हैं. ससमय इसका सटीक इलाज नहीं किये जाने पर मरीज की मृत्यु भी हो सकती है.