- जिला अस्पताल से एचएससी स्तर तक समय पर पहुंच रही है जरूरी दवाएं
- दवा की खपत व उपलब्धता की होती है ऑनलाइन निगरानी व मॉनेटरिंग
अररिया, 10 दिसंबर
केंद्र व राज्य सरकार के हालिया प्रयास का नतीजा है कि जिले के सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं की उपलब्धता व खपत संबंधी मामलों में अप्रत्याशित सुधार हुआ है। जिलाधिकारी अनिल कुमार के विशेष पहल पर अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता व वितरण संबंधी मामलों की सतत निगरानी की जा रही है। नतीजा ये है कि जरूरी दवाओं के लिये निजी दुकानों पर लोगों की निर्भरता घटी है। खासकर पीएचसी, सीएचसी, एचडब्ल्यूसीव, एचएससी स्तर दवाओं की उपलब्धता व वितरण में सुधार से लोगों के लिये महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
उपलब्धता संबंधी मामलों में हुआ है सुधार
सरकारी अस्पतालों में दवाओं के वितरण मामले में बीते अक्टूबर महीने में जिले की उपलब्धि 102 फीसदी रही है। जो सितंबर माह की तुलना में 09 फीसदी अधिक है। दवाओं की खपत मामले में अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज को छोड़ कर शेष सभी प्रखंडों में अवस्थित पीएचसी व सीएचसी की उपलब्धि सौ फीसदी या इससे अधिक है। अनुमंडल अस्पताल का यह आंकड़ा 98 फीसदी है। जिला अस्पताल में दवाओं का वितरण संबंधी उपलब्धि 108 फीसदी है। अक्टूबर मीहने में चिकित्सकों की पर्ची के आधार पर दवाओं की खपत 48 हजार 412 है।
आवश्यकता अनुरूप संस्थानों पर उपलब्ध है दवाएं
राज्य स्वास्थ्य समिति के स्तर से जिला अस्पताल के 456, अनुमंडल अस्पताल स्तर पर 312, सीएचसी स्तर पर 309, पीएचसी स्तर पर 294, एपीएचसी-एचडब्ल्यूसी स्तर पर 194, एचएससी-एचडब्ल्यूसी स्तर पर 193 व एचएसी स्तर पर 32 दवाएं आवश्यक दवाएं आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है। कुछ जरूरी दवाएं सरकार से उपलब्ध नहीं कराये जाने की स्थिति में निर्धारित दर पर स्थानीय बाजारों से खरीदने का भी प्रावधान है। रोगी कल्याण समिति व जिला स्तरीय क्रय कमेटी के माध्यम से भी निर्धारित सरकारी दरों कुछ जरूरी दवाएं बाजार से खरीदी जाती है। इसमें फिलहाल सदर अस्पताल में 354, अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में 262, आरएच जोकीहाट में 196, आरएच रानीगंज में 222, सीएचसी भरगामा में 224, नरपतगंज में 228, पलासी में 227, सिकटी में 215, पीएचसी कुर्साकांटा में 215, पीएचसी अररिया में 228, पीएचसी फारबिसगंज में 200 व एपीएचसी-एचडब्ल्यूसी पर औसतन 95, एचएससी-एचडब्ल्यूसी पर औसतन 86 व एचएससी स्तर पर 22 दवाएं मरीजों के लिये उपलब्ध हो रही है।
ऑनलाइन निगरानी व मॉनेटरिंग का है इंतजाम
जिले में दवाओं की उपलब्धता की ऑनलाइन मॉनेटरिंग व निगरानी की जाती है। जिला मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि आपूर्ति श्रंखला में सुधार, इसकी सतत निगरानी से दवाओं के वितरण व उपलब्धता संबंधी मामलों में बहुत हद तक सुधार है। उन्होंने बताया कि डीवीडीएमएस पोर्टल के उपयोग से दवा वितरण की प्रक्रिया अधिक कुशल व पारदर्शी हुई है। स्वास्थ्य विभाग का यह पोर्टल दवा के वितरण व खपत पर विशेष निगरानी में बेहद मददगार है। दवा का इंडेंट बेहतर तरीके से होने के बाद राज्य स्वास्थ्य संबंधी से भेजी गयी दवाएं ससमय जरूरत के हिसाब से संबंधित संस्थानों को उपलब्ध हो रहा है।
रियल टाइम अपडेट होता दवाओं की खपत
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि डीवीडीएमएस पोर्टल आवश्यक दवाओं की मांग को ट्रैक करने व समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने में यह काफी मददगार साबित हुआ है। सभी स्वास्थ्य केंद्र द्वारा अपनी दवाओं व वैक्सीन की खपत का डेटा रियल-टाइम पोर्टल पर अपडेट किया जाता है। इसकी मदद से जरूरी दवाओं के इंडेंड की प्रक्रिया आसान हुई है। इससे उपलब्धता व वितरण संबंधी मामले बेहतर हुए हैं।
कुशल व प्रभावी हुई है स्वास्थ्य सेवाएं
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के सफल क्रियान्वयन में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बेहद कारगर साबित हुआ है। डीवीडीएमएस व भव्या एप की मदद से स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक कुशल व सुलभ बनाने पर जोर दिया जा रहा है। चिकित्सा सुविधाओं का सही प्रबंधन व सेवाएं सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार भव्या एप पर लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन, जांच चिकित्सकों द्वारा सुझाये गये दवा व उसके वितरण का ऑनलाइन रिकार्ड उपलब्ध होने से इसकी समुचित निगरानी व अनुश्रवण आसान हुआ है।